मुरादाबाद: सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, किया जलाभिषेक

मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर से लेकर देहात क्षेत्रों में सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में जलाभिषेक के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इस दौरान भोले के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठे। भक्तों ने बेलपत्र, शहद, धतूरा, गंगाजल, फल, घृत, दूध, मिष्ठान का भोग लगाकर पूजा-अर्चना की। कोरोना के कारण पिछले …
मुरादाबाद, अमृत विचार। शहर से लेकर देहात क्षेत्रों में सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में जलाभिषेक के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। इस दौरान भोले के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठे। भक्तों ने बेलपत्र, शहद, धतूरा, गंगाजल, फल, घृत, दूध, मिष्ठान का भोग लगाकर पूजा-अर्चना की।
कोरोना के कारण पिछले दो साल से कांवड़ यात्रा नहीं हो पा रही है। इस वर्ष कांवड़ यात्रा शुरू होने से शिव भक्तों में उत्साह देखने को मिला। सावन के पहले सोमवार को भी श्रद्धालुओं की भीड़ ने सावन के आखिरी सोमवार जैसा माहौल बना दिया। 84 घंटा मंदिर पर दो साल बाद भक्तों की भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए नागफनी और दीवान के बाजार की ओर से मंदिर की और आने वाले वाहन रोक दिए गए। मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया। भीड़ को देखते हुए पुजारी विष्णु दत्त शर्मा ने रात ढाई बजे ही मंदिर के कपाट खुलवा दिए थे। सफाई करने के बाद मंदिर भी खोल दिया गया। मंदिर का द्वार खुलते ही बोल वम के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के दर्शन किए और जलाभिषेक किया। चौरासी घंटा मंदिर पर यह सिलसिला सुबह 8:30 बजे तक जारी रहा। इसके बाद वाहनों से जल लेकर आये कांवड़ियों ने भी जलाभिषेक किया।
झारखंडी बाबा का मंदिर
सावन के पहले सोमवार पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। थाना नागफनी के पीछे प्राचीन झारखंडी मंदिर में सबसे पहले कांवड़ियों के जत्थे ने बाबा का जलाभिषेक किया। इसके बाद यह सिलसिला दोपहर तक चलता रहा। झारखंडी मंदिर में जल चढ़ाने का अपना एक अलग महत्व है। महंत भोलेनाथ योगीराज ने भक्तों को सावन में भगवान शिव की पूजा-अर्नचना के बारे में बताया।
महाकालेश्वर मंदिर
नया मुरादाबाद स्थित महाकालेश्वर धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भोले भाबा के दर्शन किए। सोमवार तड़के से ही भोले के भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। महाकालेश्वर मंदिर में नया मुरादाबाद के साथ-साथ पाकबड़ा व आसपास के गांव से आये भक्तों ने भोलेनाथ को जल चढ़ाया। मंदिर परिसर बम-बम भोले के जयकारों से गूंज गया। जलाभिषेक के बाद श्रद्धालुओं ने कल्प वृक्ष के दर्शन कर अपनी मन्नतें मांगी।
सीताराम मंदिर
शहर के गुजराती मोहल्ला स्थित सीताराम मंदिर में 108 शिवालयों पर जलाभिषेक किया जाता है। यहां सुबह से ही जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। वहीं पूरे मंदिर को फूलमालाओं से सजाया गया। सुबह से दोपहर तक जलाभिषेक का सिलसिला चलता रहा और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।
ढाप वाला मंदिर
कांठ रोड स्थित आशियाना कालोनी ढाप वाला मंदिर में सावन के पहले सोमवार को जलाभिषेक करने के लिए भारी संख्या में भक्त पहुंचे। बताया जाता है कि यहां जलाभिषेक कर पूजा करने से मन की हर मुराद पूरी होती है। वहीं आशियाना कालोनी में ही दिव्यलोक आश्रम में जल चढ़ाने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।
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