बरेली: कैडेवरिक के जरिए डॉक्टर्स सीख रहे घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण की सफल विधि

बरेली: कैडेवरिक के जरिए डॉक्टर्स सीख रहे घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण की सफल विधि

बरेली, अमृत विचार। यूपी के बरेली जनपद में उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन की जोड़ प्रत्यारोपण की 2022 की दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन शनिवार (2 जुलाई) को रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुआ। यह वर्कशॉप बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा ऑर्गेनाइज्ड की गई। इस वर्कशॉप में देश-विदेश के तमाम हड्डी रोग विशेषज्ञों ने शिरकत कर …

बरेली, अमृत विचार। यूपी के बरेली जनपद में उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन की जोड़ प्रत्यारोपण की 2022 की दो दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन शनिवार (2 जुलाई) को रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हुआ। यह वर्कशॉप बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा ऑर्गेनाइज्ड की गई। इस वर्कशॉप में देश-विदेश के तमाम हड्डी रोग विशेषज्ञों ने शिरकत कर अपने अनुभव साझा किए।

हिप एंड नी (घुटना एवं कूल्हा ट्रांसप्लांट कैडेवरिक कोर्स) सफल जोड़ प्रत्यारोपण वर्कशॉप में बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. केशव कुमार अग्रवाल व बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रति कुलाधिपति डॉक्टर अशोक कुमार अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ शामिल हुए।

बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. केशव कुमार अग्रवाल
बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. केशव कुमार अग्रवाल

इस कार्यशाला को लेकर डॉ. केशव कुमार अग्रवाल ने बताया कि बरेली में पहले भी इस तरह की वर्कशॉप हो चुकी हैं। लेकिन, पिछली बार की ज्यादातर वर्कशॉप में शोल्डर जॉइंट को लेकर वर्कशॉप हुई थी। इस बार घुटने और कूल्हा जोड़ सफल प्रत्यारोपण को लेकर 2 दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया है। ये इस तरह पहली केडेवेरिक वर्कशॉप है।

उन्होंने कहा कि जब हम कैडेवरिक यानी मृत व्यक्ति के शरीर में इस तरह के जोड़ प्रत्यारोपण की विधि सीखते हैं, जिससे जो भी गलती हो वो पता चल सके और उसके बाद हम इसे लिविंग बॉडी में कर सकते हैं। जहां गलतियों की गुंजाइश बहुत कम रह जाती है और सफलतापूर्वक घुटना एवं कूल्हा जोड़ प्रत्यारोपण किया जा सकता है।

डॉ. केशव कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन सरकारी मेडिकल कॉलेज में तो होता है। लेकिन, कैडेवरिक ना मिल पाने के कारण और काफी कॉस्टली होने की वजह से प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में ऐसा नहीं हो पाता। लेकिन, बरेली में इस तरह की वर्कशॉप होने से हड्डी रोग विशेषज्ञों को बहुत फायदा मिलता है।

बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रति कुलाधिपति डॉक्टर अशोक कुमार अग्रवाल
बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रति कुलाधिपति डॉक्टर अशोक कुमार अग्रवाल

वही, डॉ. अशोक अग्रवाल ने बताया कि इस वर्कशॉप में कैडिवियर पर प्रयोग कर कूल्हे व घुटने के सफल प्रत्यारोपण की आधुनिक विधियों को देश-विदेश से आए वरिष्ठ ओर्थोपेडिक सर्जन द्वारा बताया जा रहा है। जिससे युवा डॉक्टर काफी कुछ सीख रहे हैं। इसमें प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस के जरिए यंग डॉक्टर्स को सीखने में काफी आसानी होती है।

इसके अलावा यहां कई मेडिकल सर्जिकल एकिप्मेंट्स और फार्मास्युटिकल कम्पनियों ने भी अपने अत्याधुनिक मेडिकल एकिप्मेंट्स और दवाओं के भी स्टाल लगाये हैं, जो कि जॉइंट ट्रांसप्लांट में महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा इस वर्कशॉप में कूल्हा एवं घुटना जोड़ प्रत्यारोपण के दौरान आने वाली जटिलताओं को कैडेवरिक में एक्सपेरिमेंट कर सिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की वर्कशॉप और कांफ्रेंस आने वाले समय में और भी होती रहेंगी।

डॉ. विनोद पागरानी
डॉ. विनोद पागरानी

एसोसिएशन के सचिव डॉ. विनोद पागरानी ने बताया कि बरेली आर्थोपेडिक एसोसिएशन के विशेष आग्रह पर इस वर्कशॉप को एक से बढ़ाकर दो दिवसीय किया गया है यह वर्कशॉप 2 और 3 जुलाई को आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्कशॉप में मृत शरीर (कैडेवरिक) पर कूल्हा एवं घुटना बदलने का प्रयास किया जाएगा, जिसे कैडेवरिक अर्थोप्लास्टी कोर्स कहा जाता है।

इस तरह की यह आठवीं कार्यशाला है। कैडेवरिक अर्थोप्लास्टी को सीखने आए हुए हड्डी रोग सर्जन देखेंगे व इस विधि का अभ्यास भी करेंगे। सात मृत शरीरों की व्यवस्था रोहिलखंड मेडिकल कालेज द्वारा की गई है। इसके साथ ही 3 जुलाई को सुबह के सत्र में घुटने को बदलने की विधि लेक्चर के द्वारा बताई जाएगी। उसके बाद उस विधि का भी प्रेक्टिकल मृत शरीर पर किया जाएगा।

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