जयशंकर ने हंगरी के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर की चर्चा

जयशंकर ने हंगरी के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर की चर्चा

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को हंगरी के अपने समकक्ष पीटर जिजार्तो के साथ द्विपक्षीय संबंध, यूक्रेन संघर्ष, हंगरी में भारतीय मेडिकल छात्रों के दाखिले सहित विविध मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की तथा बहु स्तरीय मंचों पर सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति जताई । जिजार्तो 26 और 27 मई की दो …

नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को हंगरी के अपने समकक्ष पीटर जिजार्तो के साथ द्विपक्षीय संबंध, यूक्रेन संघर्ष, हंगरी में भारतीय मेडिकल छात्रों के दाखिले सहित विविध मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की तथा बहु स्तरीय मंचों पर सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति जताई । जिजार्तो 26 और 27 मई की दो दिवसीय भारत यात्रा पर कल शाम नयी दिल्ली पहुंचे थे।

दोनों पक्षों की बैठक के बाद जयशंकर ने आज ट्वीट किया, ‘‘ हंगरी के विदेश मंत्री पीटर जिजार्तो के साथ गर्मजोशी से चर्चा हुई । ऑपरेशन गंगा अभियान के लिये हंगरी के समर्थन की सराहना की । ’’ वहीं, विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि हंगरी के विदेश मंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय कारोबारी दल भारत आया है। दोनों विदेश मंत्रियों ने शिष्टमंडल स्तर की वार्ता में आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच सम्पर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों के बारे में चर्चा की ।

इसमें कहा गया है कि बातचीत के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने यूक्रेन से करीब छह हजार भारतीय छात्रों को निकालने में सहायता के लिये हंगरी की सरकार को धन्यवाद दिया। गौरतलब है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस का सैन्य अभियान शुरू होने के बाद इस युद्धग्रस्त पूर्वी यूरोपीय देश से छात्रों सहित भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया गया था । यूक्रेन में हवाई मार्ग बंद होने के कारण वहां से पोलैंड, हंगरी, रोमानिया जैसे देशों से होते हुए भारतीयों को स्वदेश लाया गया था ।

यूक्रेन में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे और वहां रूस के हमले के कारण इन छात्रों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है। छात्रों के मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि उन्होंने हंगरी के विदेश मंत्री के साथ वहां भारतीय मेडिकल छात्रों के दाखिले के मुद्दे पर चर्चा की । विदेश मंत्री ने कोविड रोधी भारतीय कोवैक्सीन टीके को हंगरी द्वारा जल्द मान्यता देने और यात्रा समझौते को लेकर उसके खुले विचारों को याद किया।

जयशंकर ने कहा ‘‘हमने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों के क्षेत्र में सहयोग की समीक्षा की ।’’उन्होंने कहा कि यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि दोनों देशों के कारोबारी संबंध बढ़ रहे हैं । उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में नये सदस्य के रूप में हंगरी का स्वागत भी किया।

जयशंकर ने कहा कि यूरोपीय संघ के साथ भारत के सम्पर्क में विस्तार के लिए हंगरी की प्रतिबद्धता का वह सम्मान करते हैं । विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने बहुस्तरीय मंचों पर हमारे दीर्घकालिक सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की । ’’ मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने इस बात का संज्ञान लिया कि द्विपक्षीय कारोबार 1 अरब डालर के करीब पहुंच रहा है और हंगरी में सभी क्षेत्रों में भारतीय निवेश बढ़ रहा है।

दोनों पक्षों ने जल, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की और संभावना तलाशने पर सहमति व्यक्त की । हंगरी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन ढांचा समझौते पर भी हस्ताक्षर किए । इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने सांस्कृतिक सम्पर्को के बारे में चर्चा की और आजादी का अमृत महोत्सव सहित वर्ष 2023 में दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मनाने को लेकर विचार विमर्श किया।

बयान के अनुसार, ‘‘ दोनों पक्षों ने भारत यूरोपीय संघ संबंध, हिन्द प्रशांत, अफगानिस्तान, श्रीलंका, यूक्रेन घटनाक्रम और वैश्विक आर्थिक स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।’’ हंगरी के विदेश मंत्री जिजार्तो और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने भारत-हंगरी कारोबारी मंच की सह अध्यक्षता की । हंगरी के विदेश मंत्री ने यहां शहरी एवं आवास तथा पेट्रोलियम प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी के साथ दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी चर्चा की ।

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