मुरादाबाद : पुलिस की चूक से फरार हुआ फहीम एटीएम, नहीं लगने दी इरादों की भनक

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिस कुख्यात बदमाश की तलाश में लगभग पूरे देश की पुलिस ने महीनों खाक छानी हो, उसे बिजनौर की बेपरवाह पुलिस ने हल्के में ले लिया। फहीम एटीएम फिलहाल बिजनौर पुलिस के हाथ से फिसल चुका है। मुरादाबाद के पाकबड़ा से सपत्नीक फरार फहीम की तलाश के भले ही दावे हो रहे …
मुरादाबाद, अमृत विचार। जिस कुख्यात बदमाश की तलाश में लगभग पूरे देश की पुलिस ने महीनों खाक छानी हो, उसे बिजनौर की बेपरवाह पुलिस ने हल्के में ले लिया। फहीम एटीएम फिलहाल बिजनौर पुलिस के हाथ से फिसल चुका है। मुरादाबाद के पाकबड़ा से सपत्नीक फरार फहीम की तलाश के भले ही दावे हो रहे हों, लेकिन कानून के हाथ से भाग निकलने की पूरी कहानी सामने आने के बाद पुलिस के उच्चाधिकारी भी सदमे जैसे हालत से जूझ रहे हैं। बदमाश के फरार होने की घटना ने बिजनौर पुलिस की कार्यप्रणाली व उच्चाधिकारियों के पर्यवेक्षण पर गंभीर सवाल खड़ा माना जा रहा है। पाकबड़ा पुिलस ने आरोपी िसपािहयों के कब्जे से हथकड़ी और इंसास बरामद की है।
मुरादाबाद में कांठ थाना क्षेत्र के उमरी कलां का रहने वाला फहीम एटीएम अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है। दावे का सच इससे भी समझा जा सकता है कि यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा के अलावा कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र व गोवा जैसे प्रदेश में हत्या, लूट और चोरी जैसे गंभीर अपराध में लगभग 100 मुकदमे फहीम के खिलाफ दर्ज हैं। बेंगुलुरु से रिहाई के बाद अगस्त 2021 में पहले मुरादाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ा फहीम को बाद में बिजनौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लगभग छह माह से वह बिजनौर जेल में बंद था। गुरुवार को फहीम को मुरादाबाद कोर्ट में पेश होना था। बिजनौर ने कुख्यात बदमाश को कोर्ट में पेश करने में बड़ी चूक की।
शातिर बदमाश को कोर्ट तक ले जाने के लिए सिर्फ दो सिपाही नियुक्त किए गए। हद तो यह है कि कोर्ट में पेशी के बाद फहीम प्राइवेट मर्सिडीज कार में सिपाहियों के साथ सवार होकर पाकबड़ा पहुंचा। फिर भी पुलिस को फहीम की साजिश की भनक नहीं लग पाई। फहीम अपने भाई वसीम के जिस मकान से फरार हुआ, उसमें बड़ी सेंध लगी मिली। प्राइवेट कार व पूर्व से काटी गई सेंध फहीम के शातिर होने के दावे की पुष्टि करती है। साथ ही पूरी घटना प्रमाणित भी करती है कि फहीम फरार होने की पटकथा पहले ही लिख चुका था। बिजनौर पुलिस को उसके द्वारा रची गई गहरी साजिश की भनक नहीं लग पाई। बिजनौर पुलिस की कार्यप्रणाली भी संकेत दे रही है कि कुख्यात फहीम को उसने हल्के में ले लिया। यही वजह रही कि बिजनौर पुलिस फहीम के झांसे में आ गई।
डीआइजी ने तलब की रिपोर्ट
मुरादाबाद। फहीम के मुरादाबाद से फरार होने की घटना को डीआइजी शलभ माथुर ने गंभीरता से लिया है। प्रकरण में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उन्होंने बिजनौर के एसपी डा. धर्मवीर सिंह से रिपोर्ट तलब की है। फरार बदमाश की तलाश में पुलिस की चार टीमों का गठन किया गया है। देर रात तक फहीम एटीएम को दोबारा गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता नहीं मिली थी।
थानेदार की तहरीर पर केस
मुरादाबाद। पाकबड़ा के थानेदार रंजन शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने बिजनौर के दोनों सिपाहियों व फहीम एटीएम के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक थाना प्रभारी ने बिजनौर के सिपाही दिनेश व राहुल पर लापरवाही पूर्वक दायित्व निर्वहन का आरोप लगाया है। इसके अलावा फहीम एटीएम पर कानून तोड़कर फरार होने के आरोप में अभियोग दर्ज किया गया है।
किस्सा बन गईं फहीम की कारगुजारियां
गले में सोना व हाईप्रोफाइल जिंदगी जीने का शौकीन फहीम एटीएम का सपना चुनाव लड़ने व नेता बनने का है। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि फहीम ने दो शादी की हैं। उसकी पहली पत्नी का नाम आयशा जबकि दूसरी पत्नी नेहा बताई जा रही है। हत्या, लूट व चोरी से अर्जित अवैध धन को अपने करीबियों व रिश्तेदारों में बांट रहा था। ऐसा ही एक मकान बीते वर्ष कांठ पुलिस ने ध्वस्त कराया था। जनवरी 2021 में मुरादाबाद में फहीम तब सुर्खी में आया, जब उसकी पत्नी आयशा के साथ पुलिस ने यहां डेरा डाल दिया। सिटी कोतवाली क्षेत्र के कई सराफा करोबारियों से कर्नाटक पुलिस ने पूछताछ की। दावा यहां तक हुआ कि चोरी का माल खरीदने के आरोपी सराफा कारोबारियों से कर्नाटक पुलिस ने चार किलो सोना वसूला। ढाई करोड़ रुपये मूल्य का सोना बरामद करने के बाद बेंगलुरु पुलिस ने चोरी की 40 घटनाओं का पर्दाफाश किया था। फहीम के खिलाफ 35 मुकदमे सिर्फ 2016 में बेंगलुरु के विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी तब फहीम की गिरफ्तारी पर दस हजार रुपये इनाम की घोषणा की थी। चोरी का सोना फहीम दिल्ली एनसीआर व मुरादाबाद के सराफा बाजार में बेचता था।
जान गंवाने के बाद भी नहीं चेती पुलिस
कुख्यात फहीम के फरार होने की घटना ने मुरादाबाद परिक्षेत्र की पुलिस की कार्यशैली को एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। महज तीन साल पहले सम्भल में दो सिपाहियों की हत्या करके फरार हुए चार बदमाशों की घटना को भला कौन भूला होगा। तब भी जांच में पता चला था कि कैदी वाहन की सुरक्षा में पुलिस ने लापरवाही बरती। इसी का लाभ उठाकर बदमाशों ने दो सिपाहियों की हत्या की और तीन कैदियों को गोली से घायल कर दिया। फहीम के फरार होने की घटना में कुछ ऐसी ही चूक बिजनौर पुलिस ने की। सुरक्षा व्यवस्था ताक पर रखकर प्राइवेट कार से वह फहीम के घर गए। इसके अलावा फहीम की निगरानी के लिए तीन की बजाय महज दो पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई।
मुहम्मद जाकिर के नाम है मर्सिडीज कार
फहीम एटीएम व बिजनौर के दोनों सिपाही जिस कार से पाकबड़ा पहुंचे थे, उस पर चस्पा नंबर दिल्ली का है। पाकबड़ा पुलिस के मुताबिक कार पर डीएल 8 सीएल 6876 नंबर पंजीकृत है। मर्सिडीज कार अब तक चार बार बिक चुकी है। कार का रजिस्ट्रेशन 12 जनवरी 2010 को हुआ। 12 साल तीन माह पुरानी कार का प्रदूषण प्रमाण पत्र 31 मार्च को खत्म हो चुका है। चार माह चार दिन बाद कार का इंश्योरेंस भी खत्म होने वाला है। फिलहाल कार पाकबड़ा पुलिस के कब्जे में है। फहीम की तलाश में जुटी पुलिस को मुहम्मद जाकिर के बावत भी जानकारी जुटानी होगी। पता करना होगा कि फहीम व मुहम्मद जाकिर का रिश्ता क्या है? फहीम ने फरार होने के लिए जिस कार का इस्तेमाल किया, उसके मालिक से कुख्यात बदमाश का क्या रिश्ता है? इन सवालों का जवाब पुलिस को देना होगा।
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