साइबर ठगों के जाल में मुरादाबाद, 3.17 करोड़ से अधिक रकम उड़ाई

साइबर ठगों के जाल में मुरादाबाद, 3.17 करोड़ से अधिक रकम उड़ाई

श्रीशचंद्र मिश्र/अमृत विचार। डिजिटल दुनिया का दायरा जिस गति से बढ़ रहा है, कहीं साइबर ठग उससे तेज जाल बिछाने में जुटे हैं। सवा दो साल में यहां 44 पीड़ितों से 3.17 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज है, जिसमें महज 11 मुकदमे में चार्जशीट व 99 आरोपितों में सिर्फ 18 की गिरफ्तारी हो सकी है। …

श्रीशचंद्र मिश्र/अमृत विचार। डिजिटल दुनिया का दायरा जिस गति से बढ़ रहा है, कहीं साइबर ठग उससे तेज जाल बिछाने में जुटे हैं। सवा दो साल में यहां 44 पीड़ितों से 3.17 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज है, जिसमें महज 11 मुकदमे में चार्जशीट व 99 आरोपितों में सिर्फ 18 की गिरफ्तारी हो सकी है। यानी कि साइबर ठगी की दुनिया पुलिस के लिए फिलहाल रहस्य है।

ठगी की ऐसी चुनौतियों से पार पाने के उद्देश्य से शासन ने मंडल स्तर पर साइबर थाने का गठन किया। 2020 में यहां साइबर थाने की स्थापना की गई। निर्देश दिए गए कि मंडल के सभी पुलिस अधिकारी एक लाख या इससे अधिक की साइबर ठगी की विवेचना साइबर थाने को सौंपी जाए। एक लाख से कम की ठगी के मुकदमे का निस्तारण जिले स्तर पर करने के आदेश हैं। आंकड़े दावा करते है कि 2020 में साइबर थाने में 23 मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 11 घटनाओं का पर्दाफाश ही पुलिस कर पाई। 33 आरोपितों पर पुलिस ने नामजद मुकदमा पंजीकृत किया। विवेचना के दौरान 62 अभियुक्तों की पहचान हो पाई। 12 आरोपितों के नाम गलत पाए गए। 83 अभियुक्तों को पुलिस ने चिह्नित किया। इनमें से 11 की गिरफ्तारी हो पाई। नौ मुकदमे में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया है।

2021 में साइबर थाने में 17 मुकदमे दर्ज हुए। ठगी के दो मुकदमे गैर जिलों से यहां स्थानांतरित हुए। इनमें से पांच मुकदमे का पर्दाफाश पुलिस कर पाई। 14 मुकदमे लंबित हैं। प्रकाश में आए 28 अभियुक्तों में से महज पांच की गिरफ्तारी अभी हो पाई है। जबकि, मार्च दो मुकदमे में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल हुआ है। बीते दो वर्षों के सापेक्ष 24 अप्रैल 2022 महज दो मुकदमे ही साइबर थाने में दर्ज हैं। दोनों मुकदमे की विवेचना जारी है।

सवा दो वर्ष में मुरादाबाद व इसके आसपास के जिलों में साइबर ठगी की 44 बड़ी घटनाएं पुलिस ने दर्ज की। इनमें से 26 घटनाओं का अनावरण लंबित है। नामजद अभियुक्तों की संख्या 49 है। विवेचना के दौरान प्रकाश में आए अभियुक्तों की तादाद 78 है। साइबर ठगी के आरोपित 113 अभियुक्तों में से 18 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शेष की तलाश अभी चल रही है। 3,17 लाख रुपये की ठगी साइबर ठगों ने की। 2020 में पलिस ने ठगी के रकम में से 1.54 लाख रुपये बरामद किया।

साइबर दूल्हे से सावधान
साइबर विशेषज्ञ व तथ्य फोरेंसिक के डाइरेक्टर संजय मिश्र बताते हैं कि ठग खाता धारकों की आंख में धूल झोंकने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। वह रूप बदल कर खाताधारकों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। फिलहाल शादी के सीजन में इंटरनेट पर जालसाज दूल्हे की भरमार है। दरअसल ‘साइबर दूल्हों’ की एक नई खेप ठगों ने तैयार की है। शादी का झांसा देकर लोगों को लूटा जा रहा है। साइबर दूल्हों से सचेत रहने की जरूरत है। डिजिटल मंच पर कुछ लोग फर्जी प्रोफाइल बना कर अविवाहित युवतियों तथा अकेले रहने वाली महिलाओं को जाल में फंसा रहे हैं। उनसे मोटी रकम ठग रहे हैं।

1930 पर तत्काल संपर्क करें
साइबर अपराध का शिकार होने पर 1930 पर तत्काल संपर्क करें। साइबर अपराध रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ मुख्यालय में 48 विशेषज्ञों की टीम बनाई गई है। वहां सूचना साझा करते ही ठगी की रकम वापस कराने की कोशिश पुलिस शुरू कर देगी।

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