अयोध्या : भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत आये थे दो हजार से अधिक आवेदन, सिर्फ आठ सौ बेटियों को मिला लाभ

अयोध्या : भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत आये थे दो हजार से अधिक आवेदन, सिर्फ आठ सौ बेटियों को मिला लाभ

अयोध्या। गरीब परिवारों की बेटियों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए शुरू की गई यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना अयोध्या में परवान नहीं चढ़ सकी। पंजीकृत 2200 में से अभी सिर्फ 800 बेटियों को ही इसका लाभ मिला है। महिला कल्याण विभाग का तर्क है कि विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण योजना में ब्रेक आ गया …

अयोध्या। गरीब परिवारों की बेटियों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए शुरू की गई यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना अयोध्या में परवान नहीं चढ़ सकी। पंजीकृत 2200 में से अभी सिर्फ 800 बेटियों को ही इसका लाभ मिला है। महिला कल्याण विभाग का तर्क है कि विधानसभा चुनाव आचार संहिता के कारण योजना में ब्रेक आ गया था, लेकिन लम्बित आवेदनों का शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।

वित्तीय वर्ष 2020-2021 में आवेदनों की संख्या कम रही। गत वर्ष जिले भर से आए कुल 2200 आवेदनों में से 800 बेटियों को ही योजना के तहत लाभ प्रदान दिया जा सका। जिले के कुल 11 ब्लाकों में से छह ब्लाकों से ही योजना के तहत आवेदन आए, जिसमें तारुन से 450, सोहावल से 380, रुदौली से 415, मसौधा से 240, पूराबाजार से 156, बीकापुर से 318 आवेदन आए थे।

योजना के पोर्टल पर जिले भर से कुल 241 आवेदन प्राप्त हुए, जिसके सापेक्ष 800 बेटियों को आर्थिक लाभ प्रक्रिया के तहत चयनित किया गया। शेष लम्बित 1400 आवेदनों का निस्तारण इसी वर्ष कर दिया जाएगा। यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना के संचालन की जिम्मेदारी महिला कल्याण विभाग के अलावा स्वास्थ्य व माध्यमिक शिक्षा विभाग की भी थी।

स्वास्थ्य विभाग पर जिम्मेदारी थी कि संस्थागत प्रसव के तहत होने वाली बेटियों के जन्म की सूचना निर्धारित प्रारूप पर उपलब्ध करानी थी, लेकिन इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। माध्यमिक शिक्षा विभाग की भी सहभागिता नगण्य थी।

क्या थी योजना

यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना की शुरुआत गत वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। इसमें गरीब परिवार की बेटियों के जन्म 50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता सरकार द्वारा दी जानी है। बेटी की मां को भी 5100 रुपए की धनराशि देने का प्रावधान है। लड़की छठी कक्षा में जाएगी तो माता-पिता को 3 हजार, 8वीं में 5 हजार, कक्षा 10 में 7 हजार व 12वीं में 8 हजार रुपये दिए जाएंगे। लड़की के 21 वर्ष की आयु होने तक लड़की के माता-पिता को 2 लाख रुपये का कुल धनराशि वित्तीय सहायता के रूप में प्रदान किए जाने का नियम है।

वर्जन

यूपी भाग्यलक्ष्मी योजना के लम्बित आवेदन निरस्त नहीं किए जायेंगे। उन्हें स्वीकृति प्रदान की जाएगी। जो भी कमियां रह गई है दूर की जायेगी।

– अनीता यादव, सीडीओ

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