बरेली: रिश्वत मांगने वाले दो सिपाहियों पर भ्रष्टाचार की रिपोर्ट, निलंबित

बरेली, अमृत विचार। पहचान के युवक से खरीदे गए मोबाइल को चोरी का बताकर सिटी की सर्विलांस टीम ने शिक्षक को अपने ऑफिस बुलाया और फिर उसे जेल भिजवाने की धमकी देते हुए 20 हजार रुपये की मांग की। बाद में 10 हजार रुपये लेकर उसे छोड़ दिया। पीड़ित की शिकायत पर आईजी ने एसपी …
बरेली, अमृत विचार। पहचान के युवक से खरीदे गए मोबाइल को चोरी का बताकर सिटी की सर्विलांस टीम ने शिक्षक को अपने ऑफिस बुलाया और फिर उसे जेल भिजवाने की धमकी देते हुए 20 हजार रुपये की मांग की। बाद में 10 हजार रुपये लेकर उसे छोड़ दिया। पीड़ित की शिकायत पर आईजी ने एसपी क्राइम से मामले की जांच कराई और सिपाहियों का दोष पाते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। एसएसपी ने दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया है।
इज्जतनगर के कर्मचारी नगर निवासी शिक्षक राजकुमार ने बताया कि उन्होंने 6 माह पहले अपने ही घर के पास रहने वाले सलीम से एक मोबाइल 5 हजार रुपये में खरीदा था। इसके चार माह बाद सलीम की मौत हो गई। 26 फरवरी को सिटी की सर्विलांस में तैनात सतीश ने उन्हें फोन करके बताया कि वह चोरी का मोबाइल चला रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसपर राजकुमार अपने दोस्त के साथ सतीश से मिलने के लिए ऑफिस पहुंचे।
जहां पर सतीश और उसके साथी ने उसे जेल भिजवाने की धमकी देते हुए 20 हजार रुपयों की मांग की। इसके बाद राजकुमार ने उन्हें 10 हजार रुपये दिए। रुपये लेने के बाद पुलिसकर्मियों ने उनसे सादा कागज में हस्ताक्षर करा लिए और किसी से शिकायत करने पर उसे जेल भिजवाने की धमकी दी। पीड़ित ने आईजी रमित शर्मा से मामले की शिकायत की। आईजी ने एसपी क्राइम से मामले की जांच कराई और आरोप सही पाए गए। जिसके बाद बाद पीड़ित की शिकायत पर इज्जतनगर पुलिस ने सतीश के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। मामले की जांच में सिपाही महेंद्र का नाम भी सामने आया है। उसका नाम भी विवेचना में बढ़ाया गया है।
वर्जन: दो सिपाहियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। —रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी
क्राइम ब्रांच समेत कई दरोगा व सिपाहियों पर दर्ज हैं मामले
भष्टाचार अधिनियम के तहत जिले में कई इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाहियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी है। वहीं इससे पहले रुपयों के बंटवारे को लेकर क्राइम ब्रांच का एक वीडियो वायरल हुआ था। मामले की जांच के बाद पूरी क्राइम ब्रांच को ही निलंबित कर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी। उस मामले में आज भी जांच चल रही है।