सीतापुर: युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंसा सिधौली का युवक, परिवार वालों ने सरकार से लगाई बेटे को वापस लाने की गुहार

सीतापुर: युद्ध ग्रस्त यूक्रेन में फंसा सिधौली का युवक, परिवार वालों ने सरकार से लगाई बेटे को वापस लाने की गुहार

सिधौली/सीतापुर। यूक्रेन में छिड़े युद्ध से वहां रह रहे भारतीयों के परिजन परेशान होकर अपने सगे संबंधियों की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। भारतीय सकुशल अपने देश अपने घर आ जाए इसके लिए भी प्रार्थनाएं की जा रही है। सिधौली कस्बे के निकट हाईवे पर स्थित गड़िया हसनपुर गांव का भी एक युवक …

सिधौली/सीतापुर। यूक्रेन में छिड़े युद्ध से वहां रह रहे भारतीयों के परिजन परेशान होकर अपने सगे संबंधियों की सकुशल वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। भारतीय सकुशल अपने देश अपने घर आ जाए इसके लिए भी प्रार्थनाएं की जा रही है। सिधौली कस्बे के निकट हाईवे पर स्थित गड़िया हसनपुर गांव का भी एक युवक यूक्रेन में फंसा हुआ है। कोतवाली के क्षेत्र के गड़िया हसनपुर निवासी मोहम्मद फैज खान 25 वर्ष पुत्र शफी अहमद खां 2018 में यूक्रेन में डॉक्टरी (चिकित्सा) पढ़ने हेतु गया था।

फैज यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 400 किलोमीटर दूरी पर स्थित जस रोजिया स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है। मोहम्मद फैज़ के पिता ने बताया कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध से परिवार जन परेशान है और उसकी सकुशल घर वापसी के लिए दुआएं की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऊपर वाले का शुक्र है कि फैज खान खैरियत से है और उससे मोबाइल पर घर वालों की बात हो रही है। उन्होंने बताया 26 फरवरी को अपने देश आने के लिए एयर इंडिया की फ्लाइट से उसका रिजर्वेशन था, लेकिन फ्लाइट कैंसिल हो गई है। जिससे वह वहीं पर सही सलामत रह रहा है।

फैज खान के पिता व परिजन यूक्रेन में फंसे अपने बेटे व अन्य भारतीयों के सकुशल रहने व जल्द से जल्द घर वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं। फैज के पिता शफी अहमद खान क्षेत्र के कसमंडा स्थित हमीरपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य हैं। इनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं। इनका छोटा बेटा मोहम्मद सैफ खान एरा मेडिकल कॉलेज में डी फार्मा का छात्र है। बेटियां भी उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है।

फैज खान क्षेत्र के सेक्रेट हार्ड में कक्षा 8 तक शिक्षा प्राप्त की है तथा हाईस्कूल व इंटर रीजेंसी पब्लिक स्कूल सीतापुर से किया है। इसके बाद लखनऊ में एक प्राइवेट शिक्षण संस्था में एक साल की कोचिंग भी की है। इसके बाद 2018 में यूक्रेन डॉक्टर की पढ़ाई करने के लिए गया था।तब से वही रह रहा है फोन पर उससे बराबर वार्ता होती रहती है।

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