बहराइच: तेंदुए के बच्चों को देखने के लिए उमड़ी भीड़, वन विभाग ने बताया फिशिंग कैट

बहराइच। ककरहा रेंज के उर्रा शोभापुरवा गांव में पुलिया के निकट गन्ने के पत्ते में दो छोटे बच्चे दिखे। ग्रामीणों ने तेंदुआ के बच्चे होने की शोर मचा दी। लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। सूचना पर वन कर्मी पहुंचे। सभी ने बच्चों को फिशिंग कैट बताते हुए जंगल में छोड़ दिया है। कतर्नियाघाट वन्यजीव …
बहराइच। ककरहा रेंज के उर्रा शोभापुरवा गांव में पुलिया के निकट गन्ने के पत्ते में दो छोटे बच्चे दिखे। ग्रामीणों ने तेंदुआ के बच्चे होने की शोर मचा दी। लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। सूचना पर वन कर्मी पहुंचे। सभी ने बच्चों को फिशिंग कैट बताते हुए जंगल में छोड़ दिया है।
कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में तेंदुए और बाघ पाए जाते हैं। जिस तरह तेंदुए के बच्चे होते हैं, उसी तरह फिशिंग कैट के बच्चे भी होते हैं। जिससे उनकी पहचान करने में दिक्कत हो जाती है। ककरहा रेंज के उर्रा बीट के शोभापुरवा गांव में स्थित पुलिया के निकट गन्ने के पत्ते के ढेर में बुधवार को दो बच्चे चहलकदमी करते दिखे। आसपास के काफी संख्या में लोग पहुंच गए। लोगों ने तेंदुआ का बच्चे जन्म होने का शोर मचा दिया। काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। सूचना पाकर वन रक्षक अमर सिंह, वाचर लोटन समेत अन्य पहुंचे। प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप वधावन ने बताया कि बच्चा फिशिंग कैट का है। उसे जंगल में सुरक्षित छोड़वा दिया गया है। वहीं लोगों की काफी भीड़ रही।
चेहरा और पंजे से होती है पहचान
कतरनियाघाट वन्यजीव प्रभाग के पशु चिकित्सक डॉक्टर बीके वर्मा ने बताया कि पुलिया के निकट मिले बच्चे फिशिंग कैट के हैं। उन्होंने बताया कि तेंदुआ के बच्चों का पंजा बड़ा होता है। चेहरा भी थोड़ा बड़ा दिखता है। जिससे तेंदुआ के बच्चे की पहचान होती है।
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