बरेली: 10 से 12 लाख की वसूली का खेल तो कैसे हटाएं संडे बाजार

बरेली: 10 से 12 लाख की वसूली का खेल तो कैसे हटाएं संडे बाजार

बरेली, अमृत विचार। सपा शासनकाल में फड़-ठेले वालों से तहबाजारी वसूलने की व्यवस्था खत्म हो चुकी है लेकिन नगर निगम के कर्मचारियों और दबंगों की मिलीभगत से दुकानदारों से बगैर रसीद के ही जमकर वसूली होती है। मधुवन टॉकिज के सामने सड़क पर अवैध तौर से लगने वाले संडे बाजार को लेकर यह गंभीर मामला …

बरेली, अमृत विचार। सपा शासनकाल में फड़-ठेले वालों से तहबाजारी वसूलने की व्यवस्था खत्म हो चुकी है लेकिन नगर निगम के कर्मचारियों और दबंगों की मिलीभगत से दुकानदारों से बगैर रसीद के ही जमकर वसूली होती है। मधुवन टॉकिज के सामने सड़क पर अवैध तौर से लगने वाले संडे बाजार को लेकर यह गंभीर मामला सामने आया है।

सूत्र बताते हैं कि यहां हर रविवार को 250 से 300 तक दुकानदार आते हैं। इनसे हर महीने दो से ढाई लाख रुपये तक अवैध वसूली होती है। इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। इस कमाई में नीचे से लेकर ऊपर तक बंदरबांट भी होती है। शायद यही वजह से है कि इस संडे बाजार को हटाने के पूर्व में कई बार बड़ी कार्रवाई हो चुकी हैं लेकिन कई कद्दावरों के संरक्षण में बार-बार यह बाजार फिर लगना शुरू हो जाता है।

सेटेलाइट रोड पर ईसाईयों की पुलिया के पास मधुवन टॉकिज के सामने हर रविवार को बहुत बड़ा बाजार लगता है। बंद हो चुके टॉकिज के परिसर के अलावा बाहर रोड पर बड़ी संख्या में फड़ व ठेले वाले दिनभर अतिक्रमण किए रहते हैं और इनके खिलाफ न तो पुलिस-प्रशासन कोई एक्शन लेता है और न ही नगर निगम का प्रवर्तन दल ही इस बाजार को हटाने की कोशिश करता है। नगर निगम के पूर्व उपसभापति छंगामल मौर्य की सीएम पोर्टल पर इस मामले को लेकर की गई शिकायत के बाद एक बार फिर से खलबली मची हुई है। सूत्र बताते हैं कि संडे बाजार में ईसाईयों की पुलिया से काफी दूर तक यह बाजार लगा रहता है।

इसमें सभी फड़ व ठेले वाले ही दुकानदार होते हैं। इसमें अधिकांश आसपास के जिलों से आने वाले व्यापारी भी हैं। बताते हैं कि इन दुकानदारों से वसूली के लिए बकायदा दबंगों को मौखिक तौर से ठेका दे दिए गए हैं। चूंकि तहबाजारी व्यवस्था काफी पहले ही खत्म की जा चुकी है लेकिन दुकानदारों से रसीद की ही रकम वसूल की जाती है। जितनी दुकानें यहां लगती हैं, उस हिसाब से हर महीने वसूली की यह रकम दो से ढाई लाख रुपये आंकी गई है और साल में 10 से 12 लाख रुपये की आमदनी होती है। इसका कोई रिकार्ड नगर निगम प्रशासन के पास नहीं है।

तड़के ही लग जाता है थोक बाजार
मधुवन टॉकिज के पास लगने वाले संडे बाजार में पीलीभीत, आंवला, बदायूं सहित कई जगहों के कपड़े व रेडीमेड के थोक दुकानदार हर सप्ताह शनिवार की रात में ही आ जाते हैं और रविवार को सुबह 4 बजे से ही थोक मार्केट शुरू हो जाता है जो सुबह 6 से 7 बजने तक सिमट जाता है। इसके बाद फुटकर विक्रेता बाजार सजाते हैं। इस कारोबार में मोटी कमाई होती है लेकिन मिलीभगत के चलते इस पर किसी की निगाह नहीं है।

शासन से जल्द ही आ सकती है शिकायत की जांच
मधुवन टॉकिज के सामने अवैध तौर से लगने वाले संडे बाजार को लेकर पूर्व उप सभापति छंगामल मौर्य की सीएम पोर्टल की शिकायत हो गई है लेकिन अब तक इसकी जांच नहीं शुरू हुई है लेकिन अधिकारी इसे लेकर अलर्ट जरूर हो गए हैं। हालांकि पोर्टल पर शिकायत के बाद शासन से जांच के निर्देश आने का इंतजार किया जा रहा है।

इस संबंध में फिलहाल मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। शासन से कोई निर्देश आते हैं तो उसका अनुपालन कराया जाएगा। -अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

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