बरेली: कई साल तक टैक्स न लगाने की जांच कराने की तैयारी

बरेली: कई साल तक टैक्स न लगाने की जांच कराने की तैयारी

बरेली, अमृत विचार। शील चौराहे के पास आवास विकास परिषद के बने व्यावसायिक कॉम्लेक्स की दुकानों में वर्ष 2014 के बाद वर्षों तक टैक्स के लिए डिमांड नोटिस न भेजे जाने का मामला तूल पकड़ गया है। यह प्रकरण मेयर तक पहुंचने के बाद अधिकारियों के बीच खलबली मची है। अब पूरे ही मामले की …

बरेली, अमृत विचार। शील चौराहे के पास आवास विकास परिषद के बने व्यावसायिक कॉम्लेक्स की दुकानों में वर्ष 2014 के बाद वर्षों तक टैक्स के लिए डिमांड नोटिस न भेजे जाने का मामला तूल पकड़ गया है। यह प्रकरण मेयर तक पहुंचने के बाद अधिकारियों के बीच खलबली मची है। अब पूरे ही मामले की जांच कराए आने की तैयारी चल रही है। मेयर का कहना है कि टैक्स लगाना चाहिए लेकिन वे नियमानुसार व उचित हो। इस प्रकरण की तह तक पहुंचने के साथ हकीकत जानी जाएगी।

शील चौराहे के पास आवास विकास परिषद ने कई मंजिला कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण था। राजेंद्रनगर के ब्लॉक-ए में बने इस भवन में बनी दुकानों का वर्ष 2014 में आवंटन किया था। यहां कॉमर्शियल कॉप्लेक्स में दुकानें लेने वाले दुकानदारों का दावा है कि टैक्स निर्धारण के बाद भी नगर निगम ने डिमांड नोटिस जारी नहीं किए।

इसके बाद अब एक साथ डिमांड नोटिस मार्च 2021 के बाद से अब तक भेजे जा रहे हैं। डिमांड नोटिस को लेकर सवाल उठाए गए हैं कि पूरे कॉम्प्लेक्स में प्रत्येक दुकान की अलग-अलग नापजोख कराकर उनका सही से कर का निर्धारण किया जाए और उसके बाद उचित डिमांड नोटिस ही नए सिरे से भेजे जाने चाहिए। इस प्रकरण के उठने के बाद नगर निगम के टैक्स अनुभाग के तत्कालीन स्टाफ की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

स्थानीय पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना मम्मा पहले ही नगर आयुक्त अभिषेक आनंद को पूरे प्रकरण की लिखित जानकारी भेज चुके हैं। इस मामले में दो बड़े सवाल उठाए गए हैं कि दुकानों के आवंटन के इतने सालों के बाद टैक्स के लिए डिमांड नोटिस क्यों जारी नहीं हुए? दूसरा अब दुकानों के दिए गए नोटिस में टैक्स लगाने में मानकों का किस आधार पर अनुपालन किया गया है। यह प्रकरण मेयर डॉ. उमेश गौतम के पास भी पहुंच गया है।

बताते हैं कि अंदरखाने इस पूरे मामले की जांच कराने की तैयारी शुरू हो गई है। इससे इस प्रकरण में शामिल टैक्स अनुभाग के स्टाफ के बीच भी खलबली मची हुई है। मेयर डॉ. उमेश गौतम का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की तह तक जाने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

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