रायबरेली: कोयला भंडारण न होने से आठ राज्यों में बिजली की संकट

रायबरेली। कोयला आधारित तापीय विद्युत परियोजनाओं में बिजली उत्पादन का संकट गहरा गया है। ऐसे में आने वाले फेस्टिवल सीजन में देश के आठ राज्यों में बिजली का संकट खड़ा हो गया है। जहां झारखंड में भारी बारिश से एनटीपीसी ऊंचाहार में उत्पादन तेजी से नीचे गिर रहा है। वहीं कोयला का भंडारण न होने …
रायबरेली। कोयला आधारित तापीय विद्युत परियोजनाओं में बिजली उत्पादन का संकट गहरा गया है। ऐसे में आने वाले फेस्टिवल सीजन में देश के आठ राज्यों में बिजली का संकट खड़ा हो गया है। जहां झारखंड में भारी बारिश से एनटीपीसी ऊंचाहार में उत्पादन तेजी से नीचे गिर रहा है। वहीं कोयला का भंडारण न होने से एक यूनिट को बंद कर दिया गया है। कोयला की आपूर्ति को लेकर कोल इंडिया के अधिकारियों से बातचीत का दौर जारी है। एनटीपीसी ऊंचाहार में कोयला का भंडार खाली है और इस कारण देश के आठ राज्यों में भी बिजली का संकट खड़ा होने वाला है। बिजली आपूर्ति कम होने से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में कटौती हो रही है।
एनटीपीसी ऊंचाहार में प्रदेश का सबसे बड़ा कोयला आधारित तापीय विद्युत संयंत्र स्थापित है। यहां पर छह यूनिट चलती हैं और 1450 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। एनटीपीसी से उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और चंडीगढ़ को बिजली की आपूर्ति की जाती है। सबसे अधिक बिजली यूपी और दिल्ली को मिलती है। पिछले अगस्त माह से झारखंड के उत्तरी करणपुरा डिपो से कोयला की रैक कम आ रही है। कारण बारिश अधिक होने से कोयला की खदान में काम बंद है। किसी तरह कोल इंडिया अन्य डिपो से कोयला भेज रहा है लेकिन एनटीपीसी को हर दिन 30000 मिट्रिक टन कोयला की जरूरत होती है। पिछले एक माह से एनटीपीसी में 1800 से 2000 एमटी से अधिक कोयला कोल इंडिया मुहैय्या नहीं करा सकी। यही कारण रहा कि संयंत्र में स्थापित भंडार खाली हो गया है। एनटीपीसी को इस समय प्रतिदिन तीन रैक मालगाड़ी के कोयले से संयंत्र को कम क्षमता पर चलाया जा रहा है। यह कोयला झरिया और बोकारो से भेजा जा रहा है।
57 फीसद पर पहुंचा उत्पादन
कोयला न होने से एनटीपीसी की छह यूनिट 57 फीसद बिजली का उत्पादन कर रही हैं। पूरे संयंत्र की उत्पादन क्षमता 1450 मेगावाट है और अभी यह 855 मेगावाट का ही उत्पादन कर पा रही हैं। सबसे खराब स्थिति छठी यूनिट की है जिसकी उत्पादन क्षमता सबसे अधिक 500 मेगावाट है और वह मात्र 5 फीसद बिजली का उत्पादन कर रही थी जिसे बुधवार को बंद कर दिया गया। इस यूनिट से दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड को बिजली जाती है। इस कारण इन राज्यों में बिजली का संकट खड़ा हो गया है।
उत्तरी करनपुरा में नवंबर से शुरू होगी खदान
भारी बारिश के कारण झारखंड के उत्तरी करणपुरा में कोयला खदान का काम ठप है। बताते हैं कि नवंबर से खदान में काम तेजी से शुरू होगा तब कोयला संकट दूर हो सकेगा।