अब डिजिटल कृषि

अब डिजिटल कृषि

देश में डिजिटल कृषि मिशन की शुरूआत की गई है। मिशन के तहत कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक, ड्रोन व रोबोट के उपयोग जैसी नई तकनीकों पर आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल कृषि को आगे बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों …

देश में डिजिटल कृषि मिशन की शुरूआत की गई है। मिशन के तहत कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक, ड्रोन व रोबोट के उपयोग जैसी नई तकनीकों पर आधारित परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने डिजिटल कृषि को आगे बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों के साथ पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

ये पायलट परियोजनाएं राष्ट्रीय किसान डेटाबेस पर आधारित होंगी, जिसमें पहले से ही मौजूदा राष्ट्रीय योजनाओं का उपयोग करने वाले 5.5 करोड़ किसान शामिल हैं। गुरुवार को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इनका उद्देश्य किसानों की आमदनी बढ़ाते हुए, उन्हें हर तरह से लाभ पहुंचाना है। कोविड-19 अभूतपूर्व वैश्विक संकट काल रहा लेकिन इस दौर में भी कृषि क्षेत्र ने अर्थव्यवस्था को गति दी। लॉकडाउन के दौरान अन्य क्षेत्रों में भारी गिरावट के बावजूद आर्थिक परिदृश्य को सकारात्मक बनाए रखा है।

कोविड संकट के कारण कई देश अपने कृषि उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने तथा जोखिम कम करने के लिए प्रयासरत हैं, भारत के पास इस बदलाव का लाभ लेने का अवसर है। इस महत्वपूर्ण मोड़ पर सटीक कृषि न केवल दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि खेती को अधिक टिकाऊ बनाएगी। सटीक कृषि (परिशुद्ध कृषि) सफल डिजिटल कृषि प्रौद्योगिकियों का एक अनुप्रयोग है। सटीक कृषि उपग्रह खेती या साइट विशिष्ट फसल प्रबंधन कृषि प्रबंधन अवधारणा है। सटीक कृषि की अवधारणा पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में 1980 के दशक की शुरुआत में सामने आई थी।

दुनिया भर में, सटीक कृषि एक अलग गति से विकसित हुई है। यह कृषि उत्पादकता को बढ़ाती है। किसानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में बदलाव लाती है। यह आधुनिक कृषि क्रांतियों की तीसरी लहर का एक प्रमुख घटक है। पहली कृषि क्रांति यंत्रीकृत कृषि की वृद्धि थी। 1960 के दशक ने हरित क्रांति को आनुवंशिक संशोधन के नए तरीकों के साथ प्रेरित किया। हरित क्रांति ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की, वैसे ही भारतीय खेती में आईटी क्रांति अगला बड़ा कदम होगी। आज भारत के पास आईटी दिग्गज होने का लाभ उठाने और कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने का एक बड़ा अवसर है।

हालांकि देश के सामने इस क्षेत्र में चुनौतियां कम नहीं हैं। देश में कृषि जोत लगातार छोटी हो रही हैं। बड़े पैमाने पर कृषि भूमि पट्टे पर दी या ली जाती है। किसान के पास सीमित वित्तीय संसाधन हैं। ऐसे में डिजिटल तरीकों को अपनाने के लिए उच्च लागत किसानों को खेती के हतोत्साहित करेगी। ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी कंप्यूटर साक्षरता की कमी भी डिजिटल-कृषि के विकास में बड़ी बाधा रहेगी। देखना होगा कि इन चुनौतियों से कैसे पार पाया जाता है।

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