बरेली: बंदरों का सेवानिवृत्ति फौजी पर हमला, नोंचकर किया लहूलुहान

बरेली, अमृत विचार। बंदरों और कुत्तों को पकड़ने में नगर निगम की देरी शहरवासियों पर भारी पड़ रही है। सोमवार को जनकपुरी में सेवानिवृत्त फौजी पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लहूलुहान हालत में कॉलोनी के लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए। उनकी मरहम पट्टी कराई। …
बरेली, अमृत विचार। बंदरों और कुत्तों को पकड़ने में नगर निगम की देरी शहरवासियों पर भारी पड़ रही है। सोमवार को जनकपुरी में सेवानिवृत्त फौजी पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया। इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लहूलुहान हालत में कॉलोनी के लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए। उनकी मरहम पट्टी कराई। इससे पहले भी कॉलोनी में बंदर हमला कर चुके हैं जिसमें कई लोग जख्मी हो चुके हैं। सूचना के बावजूद नगर निगम के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
शहर के पॉश इलाकों में तक बंदर के खूंखार झुंड सक्रिय हैं। जनकपुरी में कैलाशपति मंदिर के पास मकान संख्या 422 में रहने वाले राकेश सक्सेना भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हैं। सोमवार सुबह करीब 10 बजे घर से वह मंदिर की ओर जा रहे थे। पीछे से बंदरों के झुंड ने उन पर हमला बोल दिया। वह कुछ समझ पाते तब तक बंदरों ने उनको कई जगह नोचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
चीख-पुकार सुनकर कॉलोनी के लोग घरों के बाहर आ गए। कॉलोनी वालों ने किसी तरह बंदरों के चंगुल से उन्हें छुड़ाया और तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे। राकेश का कहना है कि जनकपुरी व आसपास के इलाकों में काफी समय से खतरनाक बंदरों के झुंड घूमते रहते हैं। अक्सर वे बच्चों व महिलाओं पर भी हमला करते हैं। झुंड में 50 -60 बंदर हैं। उनके निकलने के दौरान लोग डरकर घरों से बाहर नहीं निकलते। बंदरों के हमले से कॉलोनी में रहने वाले सुखवीर सिंह, चमेली गंगवार सहित कई लोग घायल हो चुके हैं। नगर निगम को सूचना देने के बावजूद कोई कदम न उठाए जाने से लोग बंदरों के हमले की घटनाओं से काफी डेर हुए हैं।
वन विभाग और नगर निगम में एनओसी को लेकर खींचतान, जनता परेशान
बंदरों के हमले से लोग आए दिन घायल हो रहे हैं लेकिन जनहित में इस समस्या का समाधान निकालने के बावजूद वन विभाग और नगर निगम के बीच एनओसी को लेकर खींचतान चल रही है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि बंदरों को पकड़ने के लिए कई बार वन विभाग के डीएफओ को चिट्टी जारी की जा चुकी है, ताकि इसके लिए उनसे एनओसी मिल सके लेकिन वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम एनओसी के लिए वन विभाग के सीधे लखनऊ मुख्यालय से पत्राचार करे। दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच सामंजस्य न बैठ पाने से बंदरों को पकड़ने का अभियान भी नहीं चल पा रहा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि एनओसी का हल निकालने के लिए नगर आयुक्त अभिषेक आनंद वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा करेंगे।
हरदोई से लंगूरों को मंगवाने की चल रही तैयारी
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि बंदरों को भगाने के लिए लंगूरों की व्यवस्था की जा रही है। उन्हें लाने के लिए कई बार प्रयास हुए लेकिन दिक्कत यह है कि उन्हें खुला छोड़ने से लंगूरों के भागने की संभावना रहती है और बांधकर उन्हें रखा नहीं जा सकता। कई बार ऐसा करने से उनकी जान जाने का भी खतरा रहता है। फिर भी कोशिश की जा रही है कि हरदोई में कुछ लोग लंगूरों को पालते हैं। उनसे बातचीत करके लंगूरों को शहर के विभिन्न इलाकों में छोड़ने की व्यवस्था की जाएगी।
पार्षद नगर आयुक्त के सामने रखेंगे मामला
जनकपुरी में एक रिटायर्ड फौजी पर बंदरों के हमले की घटना की सूचना मिलने के बाद स्थानीय पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना मम्मा और आरेंद्र अरोरा कुक्की फौजी के घर पहुंचे और उनका हालचाल लिया। पार्षदों ने बताया कि बंदरों के काटने की घटनाएं आए दिन हो रही हैं, जो बेहद गंभीर हैं। इसे रोकने के लिए वे नगर आयुक्त सहित अन्य अधिकारियों से भी बातचीत करेंगे।
बंदरों को पकड़ने के लिए कई बार वन विभाग के अधिकारियों से बात हुई। एनओसी न मिलने से बंदरों को नहीं पकड़ा जा सका है। अब लंगूरों को लाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। –डॉ. अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम