लखनऊ: यूपी के भावी मंत्रियों और एमएलसी प्रत्याशियों के नाम तय

लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल के भावी विस्तार की कार्ययोजना अब बिल्कुल तैयार है। मुख्यमंत्री आवास पर देर रात तक प्रदेश की कोर कमेटी ने इसे अंतिम रूप दिया। सूत्रों की मानें तो मंत्री पदों के लिए 11 और चार रिक्त एमएलसी सीटों के लिए छह नामों की सूची कोर कमेटी ने हाईकमान को भेज दी है। …
लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल के भावी विस्तार की कार्ययोजना अब बिल्कुल तैयार है। मुख्यमंत्री आवास पर देर रात तक प्रदेश की कोर कमेटी ने इसे अंतिम रूप दिया। सूत्रों की मानें तो मंत्री पदों के लिए 11 और चार रिक्त एमएलसी सीटों के लिए छह नामों की सूची कोर कमेटी ने हाईकमान को भेज दी है। हाईकमान की मुहर लगते ही मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा। विधानसभा उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी टीम में खाली पदों को भरने की कवायद में लगे हैं। यह काम काफी पहले हो जाता, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के निधन और राष्ट्रपति के उप्र प्रवास के चलते यह योजना ठहर गई थी।
गुरुवार की रात कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल की बैठक हुई। हालांकि यह बैठक बेहद गोपनीय रही और बैठक में शामिल नेता भी इस बारे में कुछ बताने से इन्कार कर रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि रिक्त मंत्री पदों और रिक्त एमएलसी सीटों के लिए जातीय गणित के हिसाब से सूची हाईकमान को भेज दी गई है। इस सूची में जातीय गणित के हिसाब से वैकल्पिक नाम भी भेजे गए हैं। जिन पर अंतिम निर्णय हाईकमान को लेना है।
मंत्रिमंडल का अंकगणित और सामाजिक गणित
योगी मंत्रिमंडल में फिलहाल 23 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 21 राज्यमंत्रियों समेत कुल 53 मंत्री हैं। प्रदेश में अधिकतम मंत्रियों की संख्या 60 हो सकती है, इस लिहाज से सात पद खाली है। इन्हीं सात पदों में विस्तार के दौरान जातीय गणित भी साधा जाना है। मजबूत दावेदारों की संख्या यों तो 14 के करीब है, लेकिन ब्राह्मण, निषाद, पटेल, अनुसूचित जाति, गूर्जर और जाट समाज से एक-एक प्रतिनिधित्व मिलना तय माना जा रहा है। सहयोगी दलों में अपना दल एस के अध्यक्ष आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का मंत्री बनना तय बताया जा रहा है। ब्राह्मण समाज से भाजपा के जितिन प्रसाद को मौका मिल सकता है।
लक्ष्मीकांत वाजपेयी को भी समायोजित करेगी पार्टी
2014 में जब केंद्र में पहली बार मोदी सरकार बनी थी और उप्र से भारी संख्या में सांसद जीते थे तो उस वक्त लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष थे। 2017 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद वे पार्टी में हाशिये पर चल रहे हैं। पार्टी के कैडर वोटर ब्राह्मण समाज से मंत्री बनाने के लिए उन्हें ही सबसे उपयुक्त चेहरा मानते हैं। जबकि पार्टी में नवागत जितिन प्रसाद का मंत्री बनना लगभग तय है। ऐसे में वाजपेयी को चुनाव से पहले केंद्र सरकार किसी महत्वपूर्ण पद पर समायोजित कर सकती है।