तालिबान के आते ही देश में ड्राई फ्रूट्स का संकट, 9 दिन में आए सिर्फ 7 ट्रक

ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत के व्यापारिक संबंधों में दरार नजर आने लगी है। पहला झटका यहां के ड्राई फ्रूट्स कारोबार को लगा है। मेवा व्यापारियों के मुताबिक पिछले एक महीने से ड्राई फ्रूट्स का आयात लगभग बंद है। नौ दिनों में केवल सात ट्रक …
ज्ञानेंद्र सिंह, नई दिल्ली, अमृत विचार। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद भारत के व्यापारिक संबंधों में दरार नजर आने लगी है। पहला झटका यहां के ड्राई फ्रूट्स कारोबार को लगा है। मेवा व्यापारियों के मुताबिक पिछले एक महीने से ड्राई फ्रूट्स का आयात लगभग बंद है। नौ दिनों में केवल सात ट्रक अटारी के रास्ते से दिल्ली और जम्मू पहुंचे हैं।
मेवे के थोक व्यापारियों का कहना है कि यदि 15 दिन तक यही हाल रहा तो अफगानी मेवों का संकट बढ़ेगा और डेढ़ से दो गुना तक मेंवा महंगे भी हो सकते हैं। पाकिस्तान से भारत का कोई भी व्यापारिक संबंध न होने से देश के कारोबारियों की मजबूरी है कि ड्राई फ्रूट्स के लिए उसे अफगानिस्तान पर ही निर्भर रहना होगा। हालांकि अमेरिका से भी बादाम, अखरोट और पिस्ता आता है। मगर भौगोलिक दृष्टि से अफगान के मुकाबले अमेरिकी मेवा महंगा पड़ता है। अफगानिस्तान से ज्यादातर किशमिश, मुनक्का, अंजीर, बादाम, अखरोट, सफेद शहतूत व हींग आता है। यह मेवा दिल्ली व जम्मू से इंदौर, मुंबई, हैदराबाद, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात में जाता है।
अफगानी ड्राई फ्रूट्स के संकट के बारे में खारी बावली के व्यापारी दो मत हैं। जमाखोरी के लिए बदनाम गुट का कहना है कि आयात बाधित होने से मेवा महंगा होगा। जबकि थोक कारोबार करने वाले व्यापारियों ने एक राज की बात बताई है कि कोरोना की वजह से रेस्टोरेंट्स, मिठाई नमकीन का कारोबार बंद होने से अफगानिस्तान के ड्राई फ्रूट्स का भारत में पहले से ही काफी भंडार है। जिस की खपत दिवाली तक हो जाएगी और मेंवे के दाम नहीं बढ़ेंगे। दिल्ली में खारी बावली एशिया का सबसे बड़ा ड्राई फ्रूट्स बाजार है।
सूखे मेवे का बड़ा उत्पादक है अफगानिस्तान
भारत के लिए अफगानिस्तान सूखे मेवे का एक बड़ा निर्यात है और तालीबान के कारण पैदा हुए सियासी संकट के बीच सूखे मेवे, बादाम या शहतूत की भरपूर पैदावार हुई है। सूखे मेवे के अलावा अफगानिस्तान से बड़ी तादाद में सफेद शहतूत भी पैदा होता है। इस साल भारतीयों को दिवाली पर भी सूखे मेवों और बादाम की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
राखी पर महंगी होगी ड्रायफ्रूट मिठाई
सूखे मेवे की कीमतों में आई तेजी के कारण इस वर्ष राखी पर ड्रायफ्रूट की कीमत में तेजी आ गई है। जम्मू-कश्मीर में ड्राई-फ्रूट्स के भाव आसमान छू रहे हैं। जम्मू ड्राई फ्रूट्स रिटेलर एसोसिएशन के अनुसार अफगानिस्तान से आयात बीते करीब एक माह से बाधित हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में एक व्यक्ति ने बताया कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति की वजह से सूखे फलों का आयात प्रभावित हुआ है। जम्मू में सूखे फलों के दाम बढ़ गए हैं। उसने बताया कि ‘कुछ दिन पहले खरीदारी की थी, आज उससे दोगुने दाम पर मिल रहे हैं।
कोविड के दौर में बढ़ी है मांग
कोविड महामारी के दौरान इम्यूनिटी बेहतर बनाने और इससे उबरने के लिए लोगों ने ड्राई फ्रूट्स का सहारा लिया। इसके चलते, ड्राई फ्रूट्स व्यापारियों की चांदी हो गई, लेकिन अब ग्राहक और व्यापारी दोनों के चेहरे पर शिकन है। आगे त्योहारी सीजन है ऐसे में सप्लाई बाधित रही और दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो इसके साथ साथ मिठाई और आयुर्वेदिक दवा की कीमतों पर भी असर हो सकता है।