Exclusive: लोकसभा चुनाव में 23 साल से बंद पड़ी कंपिल कताई मिल बनेगी चुनावी मुद्दा

Exclusive: लोकसभा चुनाव में 23 साल से बंद पड़ी कंपिल कताई मिल बनेगी चुनावी मुद्दा

फर्रुखाबाद, चन्द्रपाल सिंह सेंगर। रोजगार के मुद्दे पर नेता बात तो करते हैं, मगर उस पर अमल करना मुनासिब नहीं समझते। यही वजह है कि 23 साल से कायमगंज तहसील क्षेत्र में बंद पड़ी कंपिल कताई मिल आज तक चालू नहीं हो सकी है। विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव नेता मिल चालू कराने की बात कह जनता के बीच जाते तो हैं, लेकिन फिर भूल जाते। अब लोकसभा चुनाव फिर सिर पर हैं तो यह मुद्दा फिर उठाया जाएगा।

वर्ष 1983 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने कंपिल सहकारी कताई मिल का उद्घाटन किया था, जिसकी सुध लेने वाला आज कोई नहीं है। मिल चालू न होने से कताई मिल में लगीं करोड़ों रुपये की मशीनें और बेशकीमती जमीन निष्प्रयोज्य पड़ी है। कोई इसका पुरसाहाल नहीं है। मिल बंद होने से बेरोजगार हुए लोगों की सुध लेने तक जनप्रतिनिधि नहीं जाते हैं। जिला प्रशासन भी चुप्पी साधे है। चुनाव के दौरान ही नेताओं को भी कताई मिल की याद आती है।

80 करोड़ का कर्ज होने से बंद हुई थी मिल

केंद्रीय मंत्री रहे खुर्शीद आलम खां के प्रयास से कंपिल सहकारी कताई मिल चालू हुई थी। मिल चालू होने पर लगभग 1250 श्रमिक रखे गए थे। मिल में तीन शिफ्टों में श्रमिक कार्य करते थे। काम अच्छा चला तो कुछ सालों में ही श्रमिकों की संख्या लगभग 1800 हो गई। मगर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते मिल में धीरे-धीरे घाटा होना शुरू हो गया। ध्यान न दिए जाने के कारण वर्ष 2000 में मिल 80 करोड़ के घाटे में पहुंच गई। इस पर जिला प्रशासन ने एकाएक मिल बंद कर दी थी। तब से मिल बंद पड़ी है।

मिल की हालत हो रही खस्ताहाल

मिल में अभी भी करोड़ों रुपये की मशीनें लगी हैं। मिल को चालू कराए जाने के प्रयास तो कई बार हुए, लेकिन हर बार मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। मिल का टिनशेड बरसात में टपकता है। बिल्डिंग भी जर्जर हालत में पहुंच गई है। मिल परिसर में बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी हैं। मिल में अराजकतत्वों का जमावड़ा रहता है। जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।

मिल चालू होने से मिलेगा रोजगार

‘त्योरखास निवासी अंकुर पाल कहते हैं कि कंपिल कताई मिल चालू हो जाए तो युवाओं को नौकरी करने बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यहीं उन्हें रोजगार मिल जाएगा और वह खेतीबाड़ी भी कर सकेंगे।’

नेता दोबारा पलटकर नहीं आते

‘कंपिल निवासी अरविंद कठेरिया का कहना है कि मिल चालू होने से लोगों को रोजगार मिलेगा। नेता चुनाव के दौरान मिल चालू कराने का वादा तो करते हैं, मगर फिर पलटकर नहीं देखते।’

नेताओं के बोल

कताई मिल में अब कुछ नहीं बचा

‘कंपिल कताई मिल में अब कुछ बचा नहीं है। जनपद में आलू आधारित उद्योग लगाने के लिए मोहम्मदाबाद के गांव धीरपुर में जमीन अधिग्रहित करवाएंगे। जिले के विकास के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से बात होती रहती है।’ - मुकेश राजपूत, सांसद व भाजपा प्रत्याशी।

कताई मिल दोबारा शुरू कराऊंगा

‘जनता ने अगर मौका दिया तो कंपिल कताई मिल चालू कराने का भरसक प्रयास करुंगा। संसद में कंपिल कताई मिल दोबारा शुरू कराने व गंगा एक्सप्रेस वे फर्रुखाबाद से निकाले जाने की बात उठाऊंगा।’ - डॉ. नवल किशोर शाक्य, प्रत्याशी इंडिया गठबंधन

मिल चालू कराने को किसी ने ध्यान ही नहीं दिया

‘कंपिल कताई मिल चालू कराने के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया। मैं वादा करता हूं कि अगर सांसद बना तो सबसे पहले मिल चालू कराने का मामला ही संसद में उठाऊंगा।’ - क्रांति पांडेय, प्रत्याशी बसपा।

यह भी पढ़ें- Fatehpur: हाई टेंशन लाइन से टकराया टेंट का पोल, एक युवक की मौत, चार बुरी तरह से झुलसे