देवा-महादेवा की धरती पर है कांटे का संघर्ष, सत्ता के खिलाफ हमेशा वोट देता रहा है बाराबंकी

देवा-महादेवा की धरती पर है कांटे का संघर्ष, सत्ता के खिलाफ हमेशा वोट देता रहा है बाराबंकी

बाराबंकी। जिले की सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ बाराबंकी में पड़ने वाले रुदौली के हिस्से में भी कांटे का संघर्ष है। यहां अधिकांश सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। सपा भाजपा सभी सीटों पर सीधे लड़ाई में है । किसी विधानसभा क्षेत्र में बसपा तो किसी में कांग्रेस इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही है।यह …

बाराबंकी। जिले की सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ बाराबंकी में पड़ने वाले रुदौली के हिस्से में भी कांटे का संघर्ष है। यहां अधिकांश सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। सपा भाजपा सभी सीटों पर सीधे लड़ाई में है । किसी विधानसभा क्षेत्र में बसपा तो किसी में कांग्रेस इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही है।यह ऐसा जिला है जिसने हमेशा सत्ता के खिलाफ वोट दिया। यह बात जरूर है कि जिस भी पार्टी को बाराबंकी से बहुमत मिला सूबे में उसकी ही सरकार बनी। देखना है कि इस बार यह मिथक टूटता है या नहीं।

बाराबंकी में हमेशा आस्था प्रवाह मान रही। कारण है कि जहां दो बड़े तीर्थ स्थलों लोधेश्वर महादेव और हाजी वारिस अली शाह की दरगाह देवा शरीफ स्थित है। इसके अलावा कुंतेश्वर महादेव, अवसाने श्वर महादेव, सिद्धेश्वर महादेव, मक्केश्वर महादेव तथा नाग देवता का मंदिर जैसे प्राचीन देवालय हैं तो बांसा शरीफ जैसे आस्था के स्थल भी। उत्तर में शरीर की जलधारा और दक्षिण में गोमती का प्रवाह इसे उपजाऊ बनाता है।

कुर्सी विधानसभा क्षेत्र

विधानसभा क्षेत्र में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राकेश वर्मा और भाजपा उम्मीदवार साथ साकेंद्र वर्मा के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस उम्मीदवार उर्मिला पटेल और बसपा उम्मीदवार मीता गौतम मुकाबले में आने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। कुर्सी में कुल 379785 वोटर हैं जिनमें 204486 पुरुष तथा 175294 महिला मतदाता हैं। यहां कुल 9 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

267 रामनगर विधानसभा क्षेत्र

रामनगर विधानसभा क्षेत्र में भी सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। यहां भी बसपा उम्मीदवार रामकिशोर और कांग्रेस उम्मीदवार ज्ञानेश शुक्ला मुकाबले में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। रामनगर के 11 उम्मीदवारों में दो निर्दलीय भी हैं। आम आदमी पार्टी ने यहां धर्मवीर सिंह आजाद समाज पार्टी ने विरेंद्र कुमार पटेल ऑल इंडिया मजलिस ए इतिहास ने अरुण कुमार शिवसेना ने सुभाष चंद्र भारतीय दृष्टिगोचर पार्टी ने उषा द्विवेदी को चुनाव मैदान में उतारा है रामदयाल और सुभाष चंद्र निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।

किस विधानसभा क्षेत्र में तीन लाख 29 हजार 139 मतदाता हैं। जिनमें 181034 पुरुष तथा 156624 महिला मतदाता हैं।
268 बाराबंकी विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के धर्मराज सिंह यादव को हैट्रिक लगाने के लिए बसपा के डॉक्टर विवेक सिंह वर्मा के साथ-साथ भाजपा के डॉ कुमारी मौर्या कांग्रेस की रूही अरशद से भी जूझना पड़ रहा है। यहां कुल 8 प्रत्याशी मैदान में हैं जिनमें तीन महिलाएं शामिल है। विधानसभा क्षेत्र में कुल 390300 उन्नीस मतदाता हैं जिनमें दो लाख 7268 पुरुष व एक लाख 83000 अट्ठारह महिला मतदाता है यहां 33 ट्रांसजेंडर भी मतदान करेंगे। जातीय समीकरणों पर नजर डालें तो यहां सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता है।

269 जैदपुर विधानसभा क्षेत्र

जैदपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के यूपी कंप्लेंट कमेटी के चेयरमैन पीएल पुनिया के पुत्र तनुज पुनिया के मैदान में होने के कारण अति विशिष्ट क्षेत्र बन गया है। यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के तनुज पुनिया, सपा के गौरव कुमार तथा भाजपा के अंबरीश के बीच है। यहां कुल 7 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। कुल 387284 मतदाता हैं जिनमें से 208049 पुरुष तथा 188134 महिलाएं हैं। यहां 14 ट्रांसजेंडर भी मतदान करेंगे। 2017 में सीट भाजपा ने जीती थी लेकिन 2019 के उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार समाजवादी पार्टी से हार गए। अब वे त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे हैं।

270 दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र

दरियाबाद में दलीय उम्मीदवारों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी प्रभावी और संगठित चुनाव लड़ रहे हैं। जिससे इस क्षेत्र का मिजाज भांप पाना मुश्किल है। मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी के अरविंद सिंह गोप तथा भाजपा के सतीश शर्मा के बीच है। यहां किसान क्रांति दल ने रामजी तिवारी, कांग्रेस ने बेनी प्रसाद वर्मा की बहू चित्रा वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है तो राजा राजीव कुमार सिंह के बेटे रितेश कुमार सिंह निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। बसपा ने यहां जग प्रसाद रावत को चुनाव मैदान में उतारा है। इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 402834 मतदाता हैं। जिनमें 216221 पुरुष तथा 194 647 महिला मतदाता है।

272 हैदर गढ़ विधानसभा क्षेत्र

हैदर गढ़ सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र में भी मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा उम्मीदवार के बीच है। भाजपा ने इस बार बैजनाथ रावत को टिकट देकर नए चेहरे दिनेश रावत पर भरोसा जताया है जिनका सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी के राम मगन से हैं। यहां 348530 मतदाता हैं जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 182471 है। जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 105050 है। नो ट्रांसजेंडर भी मतदान करेंगे।

रुदौली विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्र बाराबंकी जिले का हिस्सा है। यहां कुल 18713 मतदाता हैं यह में 9972 पुरुष तथा 8741 महिला मतदाता है। यह हिस्सा फैजाबाद जिले में पढ़ने वाली रुधौली विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवारों की हार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता रहा है। इस बार समाजवादी पार्टी ने यहां से पूर्व मंत्री आनंद सेन यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। जिनका सीधा मुकाबला भाजपा के रामचंद्र यादव से है। समाजवादी पार्टी के विद्रोही उम्मीदवार अब्बास अली रुश्दी पार्टी से विद्रोह कर बसपा के टिकट पर यहां चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के दयानंद शुक्ला भी किस विधानसभा क्षेत्र में मजबूत लड़ाई लड़ रहे हैं।

दांव पर है 4 पूर्व मंत्रियों की प्रतिष्ठा

समाजवादी पार्टी की जब सूबे में सरकार थी तब बाराबंकी जिले से तीन मंत्री हुआ करते थे। भाजपा की सरकार आई तो भाजपा ने यहां के किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया। जिसका दर्द इस चुनाव में उभर कर सामने आ रहा है। अब यहां पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, राकेश वर्मा, फरीद महफूज किदवई आनंद सेन यादव के साथ साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया की भी प्रतिष्ठा दांव पर है।

अंतिम समय तक चल रही है ध्रुवीकरण की कोशिश

2017 में भाजपा ने बिजली के ही मुद्दे पर देवा महादेवा का मसला उछाल कर यहां मतदाताओं का ध्रुवीकरण कराया था। जिसका परिणाम राज्य भाजपा को 6 में से 5 सीटें मिली। इस बार भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसभा के लिए आए तो उन्होंने एक बार फिर वही बिजली का मुद्दा उठाया है।

क्षेत्र को है विकास ना होने का दर्द

बाराबंकी ने कई बड़े दिग्गजों को यहां से जिता कर सदन में भेजा। जो केंद्र और राज्य में मंत्री भी बने। लेकिन जिले की बदहाली दूर नहीं हुई। खुद राजनाथ सिंह यहां से चुनकर ही मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन जिस हैदर गढ़ क्षेत्र ने उन्हें सदन में भेजा था वहां ना तो कोई अच्छा अस्पताल है और न ही कोई शिक्षण संस्थान। बाराबंकी की पूरी आबादी चिकित्सा और शिक्षा के लिए राजधानी लखनऊ पर निर्भर है। अब जब हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कह रहे हैं तो उसमें भी बाराबंकी जिले का नाम नदारद है। कारण कि यहां पर प्राइवेट सेक्टर में दो मेडिकल कॉलेज पहले से ही स्थित है।

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