सावन का चौथा और अंतिम सोमवार है बेहद खास, बना एकादशी का संयोग

सावन का चौथा और अंतिम सोमवार है बेहद खास, बना एकादशी का संयोग

नई दिल्ली। सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 8 अगस्त 2022 को है और इस दिन पुत्रदा एकादशी का भी संयोग है यानी सोमवार को दिन हर (भगवान शिव) के साथ श्रीहरि की भी कृपा मिलेगी। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि सावन सोमवार और एकादशी एक ही तिथि पर हों। एक ही …

नई दिल्ली। सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 8 अगस्त 2022 को है और इस दिन पुत्रदा एकादशी का भी संयोग है यानी सोमवार को दिन हर (भगवान शिव) के साथ श्रीहरि की भी कृपा मिलेगी। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि सावन सोमवार और एकादशी एक ही तिथि पर हों। एक ही दिन दोनों के व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही संतान की कामना करने वालों को भी संतान सुख मिलता है।

महादेव का प्रिय माह सावन अब समाप्ति की ओर है। 12 अगस्त 2022 को सावन खत्म हो जाएगा और भाद्रपद महीने की शुरुआत हो जाएगी। भोलेनाथ की भक्ति के लिए सावन का सोमवार बहुत उत्तम माना जाता है। मान्यता है इस दिन व्रत रख सच्चे मन रुद्राभिषेक करने से तमाम सुखों की प्राप्ति होती है।

सावन सोमवार के दिन भगवान विष्णु को तुलसी की माला अर्पित करें और महादेव को 108 बेलपत्र की माला चढ़ाएं। ऐसा करने से नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होती है और सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।

सावन एकादशी के दिन जल में तुलसी की मंजरी डालकर शिवलिंग का अभिषेक करने से मनचाही मनोकामना पूरी होती है। शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाई जाती लेकिन तुलसी की मंजरी से अभिषेक कर सकते हैं। ऐसा करने से महादेव और भगवान विष्णु दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पुत्रदा एकादशी के दिन अगर आपके घर के आसपास आंवले और बेलपत्र का पेड़ है तो उसके नीचे सुबह-शाम घी का दीपक जलाएं। आंवले के पेड़ में त्रिदेव का वास रहता है और बेलपत्र में भगवान शिव और बेलपत्र की जड़ में महालक्ष्मी का वास होता है। ऐसा करने से घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती और इनकी कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सावन सोमवार और एकादशी दोनों का उपवास रखें और किसी उपवासी को फलाहार भी करवाएं। ऐसा करने से सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है और जीवन के कष्ट दूर होते हैं। साथ ही यह उपाय संतान प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।

सावन का यह अंतिम सोमवार है इसलिए इस दिन नंदी बाबा की सेवा करें और उनको भोजन कराएं। साथ ही शुभ मुहूर्त में गरीब व जरूरतमंद लोगों को दान भी करें। ऐसा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। नंदी बाबा को कैलाश का द्वारपाल कहा जाता है इसलिए इनकी सेवा करने से जल्द ही इच्छा पूरी होती है।

ये भी पढ़ें : नागपंचमी का पर्व और मानवेतर वंश का मिथक