fishes restless
साहित्य 

झील का ठहरा हुआ जल…

झील का ठहरा हुआ जल… उंगलियों से कभी हल्का-सा छुएँ भी तो झील का ठहरा हुआ जल काँप जाता है। मछलियाँ बेचैन हो उठतीं देखते ही हाथ की परछाइयाँ एक कंकड़ फेंक कर देखो काँप उठती हैं सभी गहराइयाँ और उस पल झुका कन्धों पर क्षितिज के हर लहर के साथ बादल काँप जाता है। जानते हैं हम जब शुरू …
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