शाहजहांपुर: पुरुषों में बराबरी का दर्जा प्रदान करती है लैंगिक समानता

शाहजहांपुर: पुरुषों में बराबरी का दर्जा प्रदान करती है लैंगिक समानता

शाहजहांपुर, अमृत विचार। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के  शिक्षा विभाग में गुरुवार को ‘भारतीय विधि व्यवस्था में लैंगिक समानता’ विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता एसएस लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जे एस ओझा ने कहा कि हमारे देश के संविधान ने प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेद भाव …

शाहजहांपुर, अमृत विचार। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के  शिक्षा विभाग में गुरुवार को ‘भारतीय विधि व्यवस्था में लैंगिक समानता’ विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता एसएस लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जे एस ओझा ने कहा कि हमारे देश के संविधान ने प्रत्येक नागरिक को बिना किसी भेद भाव के सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय का अधिकार प्रदान किया है। लैंगिक समानता का अधिकार राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी का दर्जा प्रदान करता है।

डॉ. ओझा ने विधि निर्माण की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्राचीन काल में विधि का स्वरूप धार्मिक था, किंतु समाज में प्रचलित मानवीय मूल्यों में ह्रास होने के कारण उत्पन्न हुई समस्याओं के समाधान के लिए कानून व्यवस्था का निर्माण किया गया। वर्तमान में बाल संरक्षण, लैंगिक समानता एवं मानवाधिकारों को विधि के अनुरूप क्रियान्वित किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। महाविद्यालय के सचिव डॉ. ए के मिश्र ने कहा कि भारत अनेक परिस्थितियों से गुजरा है और प्रत्येक परिस्थिति में महिलाओं ने पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाते हुए कार्य किया। इतिहास में महिलाओं की शिक्षा की स्थिति जैसी भी रही हो, लेकिन वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 प्रतिशत मेडल व मेधावी स्थान छात्राओं ने प्राप्त किए हैं।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि हमारे देश में महिलाएं सदैव पूजनीय रही हैं और महिलाओं को जीवन के निर्णय स्वयं लेने के लिए स्वतंत्रता प्रदान करना ही असली समानता है। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य कुमार सिंह ने कहा कि लैंगिक समानता अधिकार प्रदान करने का उद्देश्य एक ऐसे संयुक्त राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अधिक विविध, समावेशी तथा लैंगिक रूप से संतुलित हो और जिसमें सभी नागरिकों को विकास का समान अवसर प्राप्त हो। वरिष्ठ शिक्षक डॉ. प्रभात शुक्ल ने कहा कि महिलाएं हमारे देश की आबादी का आधा तथा देश का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लैंगिक समानता की भावना आज समाज में धीरे-धीरे विकसित हुई है, जिसका प्रभाव है कि माता-पिता अपने बेटे तथा बेटी दोनों की शिक्षा के प्रति समान रूप से चिंतित दिखाई देते हैं।

इससे पहले अतिथियों ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन व दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। डॉ. प्रियंका शर्मा के निर्देशन में बीएड की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया। अखिलेश तिवारी के संचालन में चले कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. मीना शर्मा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. के के मिश्र, डॉ. विनीत श्रीवास्तव, डॉ. शैलजा मिश्रा, राहुल शुक्ल, बृजनिवास, संजय कुमार, प्रिया शर्मा, रेनू बहुखंडी, डॉ. शैलजा मिश्रा, डॉ. सीमा ठाकुर, राम औतार, राजीव यादव, अमित गुप्ता, सौरभ मिश्रा, रोहित सिंह, नेहा कुमारी आदि का विशेष सहयोग रहा।

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