शाहजहांपुर: आटा-दाल पर भी महंगाई के विरोध में आप कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर किया प्रदर्शन, पुलिस को लगानी पड़ी बैरिकेडिंग

शाहजहांपुर: आटा-दाल पर भी महंगाई के विरोध में आप कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर किया प्रदर्शन, पुलिस को लगानी पड़ी बैरिकेडिंग

शाहजहांपुर, अमृत विचार। आपदा और कोरोना की वजह से जनसामान्य की आर्थिक हालात पहले से ही काफी खराब है। ऊपर से महंगाई ने स्थिति और दयनीय कर दी है। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, खाद, बीज के रेट पहले ही आसमान पर हैं। अब आटा, दाल व रसोई व अन्य खाद्य पदार्थो में महंगाई की मार …

शाहजहांपुर, अमृत विचार। आपदा और कोरोना की वजह से जनसामान्य की आर्थिक हालात पहले से ही काफी खराब है। ऊपर से महंगाई ने स्थिति और दयनीय कर दी है। डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस, खाद, बीज के रेट पहले ही आसमान पर हैं। अब आटा, दाल व रसोई व अन्य खाद्य पदार्थो में महंगाई की मार ने गरीबों का जीना दूभर हो गया है। लगातार बढ़ रही महंगाई के विरोध में सोमवार को आप कार्यकर्ता भड़क गए और सड़क पर उतर आए। जमकर नारेबाजी कर धरने पर बैठे गए।

अफसरों ने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने और उनका गुस्सा बढ़ता गया। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग लगानी पड़ी, लेकिन कार्यकर्ता बैरिकेडिंग लांघने की कोशिश की। इस पर पुलिस और कार्यकर्ताओं में नोकझोक के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। कई घंटे चले विरोध प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार को जिलाध्यक्ष राजीव कुमार यादव के नेतृत्व में जनपद भर के पार्टी कार्यकर्ता नगर निगम के पास शहीद उद्यान गेट पर एकत्र हुए। वहां से नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेट की तरफ कूच किया, तो टाउन हॉल में गांधी भवन के सामने पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोकने का प्रयास किया। ऐसे में कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठे गए और शासन प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

ज्ञापन के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने कहा कोरोना की वजह से लोगों का रोजगार छिन चुका है। गरीबों की संख्या बढ़ती जा रही है। केंद्र सरकार केवल अपने मित्र औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचा रही है। अमीरी और गरीबी की खाई कम करने के बजाय बढ़ाई जा रही। ऐसे में जनता त्रस्त होकर त्राहि-त्राहि कर रही है। कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में वृद्धि होने से माल भाड़ा बढ़ा है। खेती किसानी की उत्पादन लागत बढ़ने से खाद, बीज, कीटनाशक की कीमतें में बढ़ोत्तरी हुई है। गैस सिलेंडर की कीमत रसोई का बजट गड़बड़ाया है। उसके बाद भी उपयोगी वस्तुओं पर जीएसटी टैक्स की दरें बढ़ाकर जनता पर महंगाई का बोझ डाल देते हैं।

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