पीलीभीत: नवरात्र से पहले खुराफात, पुलिस चौकी के सामने तोड़ीं मूर्तियां

पीलीभीत/ललौरीखेड़ा, अमृत विचार। एक तरफ त्योहारों को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस अधिकारियों ने अलर्ट कर रखा है। खासकर धार्मिक स्थलों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इन सबके बावजूद खुराफाती बेफ्रिक हैं। पुलिस की लापरवाह कार्यशैली जहानाबाद थाना क्षेत्र से सामने आई। नवरात्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले पुलिस …

पीलीभीत/ललौरीखेड़ा, अमृत विचार। एक तरफ त्योहारों को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस अधिकारियों ने अलर्ट कर रखा है। खासकर धार्मिक स्थलों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इन सबके बावजूद खुराफाती बेफ्रिक हैं। पुलिस की लापरवाह कार्यशैली जहानाबाद थाना क्षेत्र से सामने आई।

नवरात्र की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले पुलिस चौकी के ठीक सामने बने मंदिर में घुसकर खुराफातियों ने धार्मिक मूर्तियों को खंडित कर दिया। दूसरे दिन लोगों को पता लगा तो रोष भी दिखा। जिसके बाद पुलिस इस पूरे मामले को ही दबाने में जुटी रही। श्रमिक लगाकर मूर्तियों का सुधार कराया गया। उधर, थानाध्यक्ष ही पूरे घटनाक्रम से अंजान दिखाई दिए।

घटना शनिवार रात की है। बरेली हाईवे पर ललौरीखेड़ा पुलिस चौकी के ठीक सामने एक मंदिर है। वहां पर देवी देवताओं की प्रतिमाएं लगी हैं। स्थानीय ग्रामीण इस मंदिर पर जाकर पूजा पाठ करते हैं। शारदीय नवरात्र सोमवार से शुरू हो रहे हैं। इसे लेकर पुलिस अधिकारियों ने सख्त सुरक्षा बंदोबस्त का हवाला देते रह गए और निचले स्तर पर पुलिस की लापरवाही उजागर हो गई।

पुलिस चौकी के ठीक सामने बने मंदिर में देवी देवताओं की मूर्तियां खंडित कर दी गई। सोमवार सुबह बारिश के बीच लोग मंदिर में पूजा पाठ करने पहुंचे तो खंडित की हुई मूर्तियां देख रोष फैल गया। इसके बाद कुछ ही देर में भीड़ जमा हो गई। इसकी सूचना मिलने पर चौकी इंचार्ज तो नहीं पहुंचे लेकिन कुछ सिपाहियों ने श्रमिक लगाकर खंडित की गई मूर्तियों का सुधार कराना शुरू कर दिया।

दिन भर चौकी के सामने मंदिर में खंडित मूर्तियों का सुधार कार्य चलता रहा। इसके बावजूद पुलिस सफेद झूठ बोलकर घटना को छिपाने में जुटी रही। ग्रामीणों को शांत करने के लिए मानसिक मंदित की हरकत बता दिया गया। हालांकि उस मानसिक मंदित को न तो पुलिस पकड़ सकी, न ही मानसिक मंदित को किसी ने मूर्तियां खंडित करते हुए देखा था। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर जरूर सवाल खड़े किए जाते रहे।

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