भ्रांति और आशंकाओं के चलते रक्तदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं लोग

भ्रांति और आशंकाओं के चलते रक्तदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं लोग

मुरादाबाद, अमृत विचार। रक्तदान को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां समाज में प्रचलित हैं। इसकी वजह से लोग रक्तदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। हालांकि जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक प्रबंधन ने शहर में जगह-जगह रक्तदान शिविरों के आयोजन के साथ ही लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता शिविर का भी आयोजन शुरू …

मुरादाबाद, अमृत विचार। रक्तदान को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां समाज में प्रचलित हैं। इसकी वजह से लोग रक्तदान के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। हालांकि जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक प्रबंधन ने शहर में जगह-जगह रक्तदान शिविरों के आयोजन के साथ ही लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता शिविर का भी आयोजन शुरू कर दिया है।

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. राजेंद्र सिंह के मुताबिक विभिन्न संस्थाओं की मदद से रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता है। वहीं किसी सप्ताह किसी संस्था का सहयोग नहीं मिल पाता तो पुलिस, पीएसी या अन्य सरकारी संस्थानों से शिविर के आयोजन की अपील की जाती है। उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारी के आदेश पर शिविरों का आयोजन तो हो जाता है, लेकिन बड़ी चुनौती इन शिविरों में रक्तदाताओं को लाना होता है। इसलिए अब इन शिविरों के साथ ही जागरुकता शिविरों का भी आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में प्रचलित भ्रांतियों और उनकी हकीकत से लोगों को परिचित कराया जाता है।

ब्लड बैंक प्रभारी के मुताबिक कोई भी व्यक्ति रक्तदान करता है तो सबसे पहले उसके स्वास्थ्य की जांच की जाती है। इसमें डोनर का वजन, रक्तचाप, ब्लड ग्रुप, एड्स, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, सिफिलिस, मलेरिया आदि शामिल है। सारी जांचें निशुल्क होती है।

भ्रांति 1: दुबले लोग रक्तदान नहीं कर सकते
ये सच नहीं है। दुबले लोग रक्तदान कर सकते हैं और करते आ रहे हैं। बस इतना जरूर है कि अगर आप ब्लड डोनेट करना चाहते हैं तो आपका न्यूनतम वजन 50 किग्रा होना चाहिए। इसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है कि आप दुबले-पतले हैं, तो ब्लड डोनेट नहीं कर सकते। शरीर की बनावट का इससे कोई लेना-देना नहीं। अक्सर ऐसा भी होता है कि मोटे लोग ब्लड देने के लिए अयोग्य ठहरा दिए जाते हैं क्योंकि उन्हें कई तरह की बीमारियां होती हैं।

भ्रांति 2: महिलाएं नहीं कर सकतीं रक्तदान
यह बिल्कुल भी सच नहीं है। ब्लड डोनेट करने से पहले आपका हीमोग्लोबिन लेवल जांचा जाता है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन होता है जो हमारे खून को लाल रंग देता है और शरीर में ऑक्सीजन का संचार करता है। अगर इस प्रोटीन का स्तर कम है तो आप रक्तदान नहीं कर सकते हैं। कई बार महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है इसी वजह से उन्हें रक्तदान करने से मना किया जाता है। पर ये बात भी सच है कि भारत में ब्लड डोनर्स में महिलाओं की काफी कमी है। ये सिर्फ 4 पर्सेंट हैं।

भ्रांति 3: रक्तदान करने में तकलीफ होती है
ये सच नहीं है। ब्लड डोनेशन बिल्कुल आसान प्रक्रिया है। ब्लड लेने के लिए नर्स एक छोटी सी नीडल आपकी बांह में इंजेक्ट करती हैं। इसका आपको अहसास भी नहीं होता। इसके अलावा कुछ भी नहीं करना होता है। इस प्रक्रिया के दौरान आपको हल्की सी चुभन महसूस होगी और ट्रांसफर पूरा होने के बाद आप बिल्कुल अच्छा महसूस करने लगेंगे।

भ्रांति4: शाकाहारी लोगों के लिए रक्तदान करना सही नहीं
गलत धारणा है। माना जाता है कि मांसाहारी लोगों को भरपूर आयरन मिलता है, जो हीमोग्लोबिन बनाने के लिए जिम्मेदार होता है और हीमोग्लोबिन ज्यादा होने पर ही ब्ल्ड डोनेट किया जा सकता है, लेकिन आपको बता दें कि शाकाहारी लोग भी रक्तदान करने के लिए योग्य होते हैं। भारतीय आहार में कई ऐसे फूड हैं जो आयरन के स्रोत हैं – जैसे पालक, राजमा, किशमिश, चने आदि।

भ्रांति 5: हमारे शरीर में ब्लड सीमित है
यह पूरी तरह से गलत है। हमारी बॉडी में स्टेम सेल्स टूटकर खून के कई घटक बनाते रहते हैं। ये सेल्स लगातार बनते हैं क्योंकि ये कुछ घंटों से लेकर 12 दिनों में खत्म हो जाते हैं। जब आप ब्लड डोनेट करते हैं तो आपके शरीर को रेड ब्लड सेल्स में कमी का सिग्नल मिलता है। इससे अतिरिक्त आरबीसी का निर्माण होता है।

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