NASA Artemis-1: दूसरी बार टली NASA के ‘आर्टेमिस-1’ की लॉन्चिंग, जानिए आखिर क्यों हुआ ऐसा?
लॉस एंजिल्स। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने अपने मून मिशन ‘आर्टेमिस-1’ की लॉन्चिंग फिर टाल दी। ‘आर्टेमिस-1’ नासा के गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण प्रणालियों का पहला एकीकृत परीक्षण है, जिसमें फ्लोरिडा में एजेंसी के कैनेडी स्पेस सेंटर में ओरियन अंतरिक्ष यान, एक स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ग्राउंड सिस्टम शामिल हैं। रॉकेट को 03 सितंबर …
लॉस एंजिल्स। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने अपने मून मिशन ‘आर्टेमिस-1’ की लॉन्चिंग फिर टाल दी। ‘आर्टेमिस-1’ नासा के गहरे अंतरिक्ष अन्वेषण प्रणालियों का पहला एकीकृत परीक्षण है, जिसमें फ्लोरिडा में एजेंसी के कैनेडी स्पेस सेंटर में ओरियन अंतरिक्ष यान, एक स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ग्राउंड सिस्टम शामिल हैं। रॉकेट को 03 सितंबर को रात 11 बजकर 47 मिनट पर उड़ान भरनी थी। इससे पहले 29 अगस्त को रॉकेट के 4 में से तीसरे इंजन में आई तकनीकी गड़बड़ी और खराब मौसम की वजह से इसकी लॉन्चिंग टाल दी गई थी।
#Artemis Update: The team continues to troubleshoot, and plans to return with a variety of options early next week. We are standing down on any launch attempts through the current launch period, which ends Tuesday.
See https://t.co/dMVnvEQcfC for more information. pic.twitter.com/cCefwG9FO0
— NASA (@NASA) September 3, 2022
नासा ने ट्वीट कर कहा, “शनिवार की सुबह आर्टेमिस I मिशन की टैंकिंग के दौरान रॉकेट में ईंधन स्थानांतरित करने का प्रयास करते समय 8-इंच (20.3 सेमी) त्वरित डिस्कनेक्ट के आपूर्ति की ओर एक रिसाव विकसित हुआ।” नासा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “टीमों ने रॉकेट में ईंधन स्थानांतरित करने वाले हार्डवेयर में रिसाव से संबंधित एक समस्या को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे।”
NOW: @NASAArtemis teams provide an update on the status of the #Artemis I flight test to the Moon following the Sept. 3 launch attempt. https://t.co/1MoquGPIgs
— NASA (@NASA) September 3, 2022
क्या है नासा का ‘आर्टेमिस-1’ मिशन?
आर्टेमिस-1′ मिशन नासा का चंद्रमा और मंगल ग्रह पर इंसानों का भेजने की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ा है। ‘आर्टेमिस-1’ का प्राथमिक लक्ष्य अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने से पहले डीप स्पेस के बारे में अहम जानकारियां जुटा कर भेजना है। ताकि, ‘आर्टेमिस-2’ और ‘आर्टेमिस-3’ में इंसानों को चांद और मंगल ग्रहों पर भेजा जा सके।
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