Indonesia Football Match Tragedy: मारे गए लोगों के शव घर पहुंचते ही छाया मातम

Indonesia Football Match Tragedy: मारे गए लोगों के शव घर पहुंचते ही छाया मातम

जेम्बर (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया में शनिवार शाम एक फुटबॉल मैच के बाद मची भगदड़ में मारे गए 125 लोगों के शवों के सोमवार को उनके घर पहुंचते ही उनके परिवार और दोस्तों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े …

जेम्बर (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया में शनिवार शाम एक फुटबॉल मैच के बाद मची भगदड़ में मारे गए 125 लोगों के शवों के सोमवार को उनके घर पहुंचते ही उनके परिवार और दोस्तों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। मैच के बाद हुए विवाद को शांत करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े थे, जिसके चलते प्रशंसकों के बीच भगदड़ मच गई थी और ज्यादातर लोगों की मौत भीड़ से कुचले जाने के कारण हुई है।

मृतकों में 17 बच्चे भी शामिल हैं। पुलिस ने घटना के लिए 18 अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है और इस सिलसिले में सुरक्षा प्रबंधकों से भी पूछताछ की जा रही है। दूसरी ओर, मारे गए लोगों के परिवारों की हालत रो-रोकर खराब हो गई है। आर्मेनिया की फैकोतुल हिकमाह (22) की मौत कंजुरुहान स्टेडियम से बाहर निकलते समय हो गई थी। हिकमाह के दोस्त अब्दुल मुकीद ने सोमवार को ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि हिकमाह के कई दोस्त मैच देखने यहां गए थे लेकिन केवल चार ही टिकट हासिल कर पाए। उन्होंने भी एक दलाल के जरिए टिकट हासिल की थी और बाद में उन्हें स्टेडियम में हुए हादसे का पता चला।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उसे ढूंढना है..बचाना है बस यही मेरे दिमाग में था…. स्थिति बेहद भयानक थी।’’ मुकीद के चार दोस्तों में से दो की मौत हो गई,जबकि दो अन्य घायल हो गए। मुकीद को हिकमाह का शव स्टेडियम परिसर की एक इमारत से मिला, उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे। पूर्वी जावा प्रांत के जेम्बर में हिकमाह के माता-पिता के घर जैसे ही उनका शव लाया गया उनके रिश्तेदारों का संयम टूट गया और वे बिलख-बिलख कर रोने लगे। एम्बुलेंस में सफेद कपड़े और एक काले कंबल में लिपटे हिकमाह का शव उनके घर लाया गया।

मुकीद के एक अन्य दोस्त नोवल पुत्रा औलिया (19) की भी हादसे में मौत हो गई। औलिया के माता-पिता का पांच साल पहले निधन हो गया था और वह अपने भाई के साथ रहते थे। महिला सशक्तिकरण एवं बाल संरक्षण मंत्रालय के अनुसार, मारे गए लोगों में कम से कम 17 बच्चे थे और सात अन्य हादसे में घायल भी हुए हैं जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि हादसे में 323 लोग घायल हुए हैं और उनमें से कुछ की हालत गंभीर है। चश्मदीदों ने बताया कि अपनी टीम की हार से निराश अरेमा के हजारों समर्थकों ने खिलाड़ियों और फुटबॉल अधिकारियों पर बोतलें तथा अन्य वस्तुएं फेंकी।

प्रशंसक कंजुरुहान स्टेडियम के मैदान पर पहुंचे गए अरेमा प्रबंधन से पूछा कि घरेलू मैचों में 23 वर्ष तक अजेय रहने के बाद टीम यह मैच कैसे हार गई। इस दौरान स्टेडियम के बाहर भी हिंसा शुरू हो गई और पुलिस के कम से कम पांच वाहनों का आगे के हवाले कर दिया गया। दंगा रोधी पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे भगदड़ मच गई। फीफा ने फुटबॉल स्टेडियम में आंसू गैस के गोले छोड़ने पर प्रतिबंध लगा रखा है।

राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता डेडी प्रसेट्यो ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़ने के लिए जिम्मेदार 18 अधिकारियों के साथ-साथ सुरक्षा प्रबंधकों से भी पूछताछ कर रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस अब भी चश्मदीदों से पूछताछ कर रही है, जबकि स्टेडियम के अंदर और बाहर लगे 32 कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। पीड़ितों के नौ मोबाइल फोन में कैद फुटेज की भी जांच की जा रही है।

सुरक्षा मंत्री मोहम्मद महफूद ने एक अलग संवाददाता सम्मेलन में बताया कि स्टेडियम में कानून का उल्लंघन करने वालों का पता लगाने के लिए उनके नेतृत्व में एक दल अलग से जांच करेगा। यह दल इस बात का भी फैसला करेगा की पीड़ितों को कितना मुआवजा दिया जाना चाहिए। दल अपनी जांच तीन सप्ताह में पूरी करेगा।

इंडोनेशिया के एक निगरानी समूह ‘सेव अवर सॉकर’ के आंकड़ों के अनुसार, इंडोनेशिया में पिछले 28 साल में खेल संबंधित घटनाओं में 78 लोगों की मौत हुई है। इंडोनेशिया में स्टेडियम में मची भगदड़ खेल स्पर्धा में दुनियाभर में हुए सबसे बड़े हादसों में से एक है। ग्वाटेमाला सिटी में ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका के बीच 1996 विश्व कप ‘क्वालिफायर’ मैच में हिंसा में 80 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी तथा 100 से अधिक घायल हो गए थे। अप्रैल 2001 में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में एक फुटबॉल मैच के दौरान 40 से अधिक लोगों की कुचलकर मौत हो गई थी।

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