ऐतिहासिक जिला अभियंता कार्यालय भवन ढाहा गया, प्राचीन तिजोरी और घड़ी गायब

ऐतिहासिक जिला अभियंता कार्यालय भवन ढाहा गया, प्राचीन तिजोरी और घड़ी गायब

पटना। पुनर्विकास परियोजना के तहत बुलडोजरों ने यहां पटना स्माहरणालय परिसर में डचकालीन जिला अभियंता कार्यालय भवन को ढहा दिया है तथा इसके कमरों में रखी एक विरासत तिजोरी और एक पुरानी घड़ी का क्या हुआ, कुछ पता नहीं है। शुक्रवार को गंगा नदी के तट पर इस ऐतिहासिक ढांचे के स्थान पर ढहाये गये …

पटना। पुनर्विकास परियोजना के तहत बुलडोजरों ने यहां पटना स्माहरणालय परिसर में डचकालीन जिला अभियंता कार्यालय भवन को ढहा दिया है तथा इसके कमरों में रखी एक विरासत तिजोरी और एक पुरानी घड़ी का क्या हुआ, कुछ पता नहीं है। शुक्रवार को गंगा नदी के तट पर इस ऐतिहासिक ढांचे के स्थान पर ढहाये गये भवन की ईंटों और सरियों का ढेर नजर आया। मजदूरों ने कहा कि इस ऐतिहासिक ढांचे के विशाल मध्य हिस्से को दो-तीन पहले ही ढहाया गया है। उसके छोटे पश्चिमी हिस्से में बस दो कमरे खड़े हैं जिनमें से एक में प्राचीन रोशनदान है।

इसी के साथ पटना काल का एक और अध्याय खत्म हो गया। इस भवन के पूर्वी हिस्से को नये स्माहरणालय परिसर के वास्ते तीन जुलाई को ढहा दिया गया था। इस भवन को ढहाये जाने से करीब दो हफ्ते पहले पटना संग्रहालय के विशेषज्ञों की एक टीम ने 13 जुलाई को पटना स्माहरणालय विध्वंस स्थल का दौरा किया था। टीम ने ब्रिटिश कंपनी निर्मित स्टीमरॉलर , विशिष्ट रोशनदान, विरासती तिजोरी का निरीक्षण किया था।

तिजोरी जिला अभियंता कार्यालय भवन के एक कमरे में रखी थी। अब ढहा दिये गये भवन के मध्य हिस्से के एक छोर पर एक कमरे में दीवार पर पुरानी घड़ी लगायी गयी थी जबकि औपनिवेशक कालीन तिजोरी उसके दूसरे छोर पर एक कमरे में रखी गई थी। देश के विभिन्न हिस्सों के धरोहर प्रेमियों ने शुक्रवार को इस बात की आशंका प्रकट की कि दोनों प्राचीन चीजें– तिजोरी और घड़ी शायद मलबे में दफन हो गई हैं और उन्होंने इसके लिए अधिकारियों की ‘नौकरशाही लेटलतीफी’ को जिम्मेदार ठहराया।

उनका कहना है कि मध्य मई में भवन ढहाने का काम शुरू हुआ था और उसकी निरीक्षण टीम का दौरा दो हफ्ते पहले हुआ, लेकिन एक भी प्राचीन चीज बचायी नहीं गयी । पटना से कोलकाता और दिल्ली से हरियाणा तक इतिहास प्रेमियों एवं पुरावशेष प्रेमियों ने 10 दिन पहले संग्रहालय प्रशासन से स्टीम रोड रॉलर एवं अन्य प्राचीन वस्तुएं ऐतिहासिक पटना स्माहरणालय के विध्वंस स्थल से अन्यत्र ले जाने की अपील की थी।

निरीक्षण दल का हिस्सा रहे पटना संग्रहालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने तिजोरी के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि भवन के जिस हिस्से में इसे रखा गया था, उसे ढहा दिया गया । लेकिन यह भवन पटना जिला बोर्ड का था और हमें तिजोरी या घड़ी की सुरक्षा के बारे में कुछ नहीं पता। लेकिन हम रोड रॉलर और पुराने रोशनदान को बचाकर यथाशीघ्र संग्रहालय में लाने के लिए प्रयासरत हैं।’’

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