नरकासुर राक्षस के पुतले जलाकर दिवाली मनाते हैं गोवावासी, सीएम ने दी शुभकामनाएं
पणजी। गोवा के निवासियों ने सोमवार सुबह लंबे समय से चली आ रही परंपरा के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में नरकासुर राक्षस के बड़े-बड़े पुतले जलाकर दिवाली मनाई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दिवाली के अवसर पर लोगों को बधाई दी और कामना की कि यह त्योहार …
पणजी। गोवा के निवासियों ने सोमवार सुबह लंबे समय से चली आ रही परंपरा के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में नरकासुर राक्षस के बड़े-बड़े पुतले जलाकर दिवाली मनाई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दिवाली के अवसर पर लोगों को बधाई दी और कामना की कि यह त्योहार राज्य में शांति, आनंद और समृद्धि लाए। उन्होंने नागरिकों से प्रदूषण मुक्त उत्सव मनाने और वंचित लोगों तक पहुंचने तथा उनके साथ दिवाली की खुशी साझा करने की भी अपील की।
Warm Greetings to you & your family on the auspicious occasion of Diwali. May the divine light of #Diwali bring good health & prosperity in your life. pic.twitter.com/sdbTeETpzp
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) October 24, 2022
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‘नरकासुर वध’ प्रतियोगिताएं राज्य की राजधानी पणजी और मडगांव और वास्को जैसे शहरों में रात में शुरू हुईं और सोमवार की सुबह तक जारी रहीं। प्रत्येक प्रतियोगिता में 20 से अधिक समूहों ने भाग लिया। बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए त्योहार से पहले तैयार किए गए नरकासुर के सैकड़ों पुतले जलाए गए। विभिन्न गांवों से ट्रकों पर विशालकाय पुतले लाद कर प्रतियोगिता स्थलों तक लाए गए। भगवान कृष्ण के वेश में एक लड़के को लेकर एक रथ हर पुतले के साथ था।
प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों को यह दर्शाना था कि कैसे भगवान कृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने एक युद्ध में नरकासुर का वध किया था। दो दशकों से अधिक समय से मडगांव में नरकासुर वध प्रतियोगिता का आयोजन करने वाले स्थानीय संगठन ‘सॉलिड पार्टी’ के एक कोर कमेटी सदस्य मनोज हेडे ने कहा, ‘भगवान कृष्ण की भूमिका सर्वश्रेष्ठ ढंग से निभाने वालों को पुरस्कार दिए गए।’
मडगांव के उपनगर फतोर्दा में एक अन्य स्थानीय संगठन द्वारा आयोजित इसी तरह की प्रतियोगिता को देखने के लिए 20,000 से अधिक लोग आए थे। विभिन्न स्थानों पर हुए कार्यक्रमों में सड़क किनारे पुतले जलाने के बाद बचे हुए अवशेषों में लगी आग को दमकल और आपातकालीन सेवाओं के कर्मियों को बुझाते देखा गया। मुख्यमंत्री सावंत ने अपने संदेश में कहा कि दिवाली बुराई पर अच्छाई, अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, ‘आज दीयों का जगमग रावण को हराकर भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी का प्रतीक है। प्रकाश का यह त्योहार सभी को अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आइए हम सभी प्रकाश के मार्ग पर चलें और आत्मनिर्भर बनें, जो सही मायने में स्वयंपूर्ण है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस वर्ष, आइए हम अपने पर्यावरण के बारे में सोचें जो अत्यधिक पटाखों के फटने से प्रभावित होता है। आइए हम प्रदूषण मुक्त दिवाली उत्सव मनाएं।’ उन्होंने कहा, ‘‘इस दीपावली आइए हम यह संकल्प करें और वंचितों तक पहुंचें। आइए हम गरीबों और वंचितों के साथ दिवाली की खुशियां बांटें।’
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