Bareilly News: तकनीकी पेच फंसने से 17 गांवों में रियल टाइम खतौनी तैयार करने की प्रक्रिया लटकी

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बरेली, अमृत विचार। किसानों को सहूलियत देने के दावों के साथ रियल टाइम खतौनी तैयार करने की प्रक्रिया जिले के 17 गांवों में लटक गई है। इसमें तकनीकी पेच फंसने के बाद जिला प्रशासन ने राजस्व परिषद को पत्र लिखा है। हालांकि अभी कमी दूर नहीं हो सकी है। जून में दोबारा काम शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।
जिले के 2181 गांवों की रियल टाइम खतौनी तैयार की जानी हैं। भूलेख कार्यालय के मुताबिक अब तक 2164 गांवों में रियल टाइम खतौनी तैयार हो गई हैं, लेकिन 17 गांवों में यह प्रक्रिया काफी समय से रुकी हुई है। इनमें बरेली तहसील के पांच, आंवला, बहेड़ी और फरीदपुर तहसील क्षेत्र के चार-चार गांव हैं।
इन गांवों में तकनीकी समस्या की वजह से खताैनी नए फॉर्मेट में परिवर्तित नहीं हो सकी हैं। तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से राजस्व परिषद को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
बताया जा रहा है कि अब चुनाव के बाद ही इस समस्या का निस्तारण होने की उम्मीद है। सहायक भूलेख अधिकारी संतोष अवस्थी ने बताया कि रियल टाइम खतौनी को तैयार करने में जिले की स्थिति प्रदेश में 13वें नंबर पर है। तकनीकी समस्या दूर होते ही बाकी बचे 17 गांवों में भी खताैनी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
रियल टाइम खतौनी से होंगे कई फायदे
रियल टाइम खतौनी में 19 बिंदुओं को शामिल किया गया है जबकि पुरानी खतौनी में 13 बिंदु ही थे। नए बिंदुओं में आधार, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल फोन नंबर, जाति, गाटा का यूनिक कोड, हर खातेदार के अंश का ब्योरा शामिल किया गया है। नई खतौनी की भाषा भी उर्दू के बजाय हिंदी रहेगी। जमीन नामांतरण होते ही इसमें भूस्वामी का नाम मुख्य कॉलम में आ जाएगा। नई खतौनियां आधार और पैन कार्ड से लिंक रहेंगी।
किसानों को खतौनी में नामांतरण के लिए छह साल का इंतजार नहीं करना होगा। जमीन की रजिस्ट्री होते ही क्रेता और विक्रेता के मोबाइल नंबर पर मेसेज आ जाएगा। पुरानी खतौनी में जमीन के नामांतरण के बाद दाएं कालम में आदेश दर्ज होता था और बाएं स्थित मुख्य कालम में नाम आता था, मगर इसमें बदलाव के बाद क्रेता का नाम सीधे मुख्य कालम में आएगा।
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