पीएसआई भर्ती घोटाले मामले में मुख्य आरोपी दिव्या समेत पांच गिरफ्तार 

पीएसआई भर्ती घोटाले मामले में मुख्य आरोपी दिव्या समेत पांच गिरफ्तार 

कलबुर्गी। कर्नाटक में सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती घोटाले मामले में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने मुख्य आरोपी व भारतीय जनता पार्टी की पूर्व पदाधिकारी दिव्या हागरागी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सीआईडी सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि दिव्या के स्वामित्व वाले कलबुर्गी में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के प्रधानाध्यापक काशीनाथ, स्कूल …

कलबुर्गी। कर्नाटक में सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती घोटाले मामले में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) ने मुख्य आरोपी व भारतीय जनता पार्टी की पूर्व पदाधिकारी दिव्या हागरागी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सीआईडी सूत्रों ने शुक्रवार को यहां बताया कि दिव्या के स्वामित्व वाले कलबुर्गी में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के प्रधानाध्यापक काशीनाथ, स्कूल की शिक्षिका अर्चना, सुनंदा और उम्मीदवार शांतिबाई को गिरफ्तार कर लिया गया है।

​​सूत्रों ने कहा कि सीआईडी ​​पुलिस अधीक्षक राघवेंद्र हेगड़े के नेतृत्व में एक टीम ने आरोपियों को महाराष्ट्र के पुणे में गिरफ्तार किया और कलबुर्गी लाया। कोई 15 दिनों तक तलाश करने के बाद भी सीआईडी ​​आरोपियों का पता नहीं लगा पाई थी। विपक्षी दल इसकी आलोचना कर रहे थे। इस बीच, स्थानीय अदालत ने दिव्या और छह अन्य आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। पुलिस ने अब तक उम्मीदवारों, पर्यवेक्षकों और सरकारी महिला कर्मचारियों सहित 17 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें प्रमुख किंगपिन रुद्रगौड़ा पाटिल, उसका भाई कांग्रेस नेता महंतेश पाटिल तथा दिव्या के पति राजेश भी शामिल हैं।

इनमें से सात उम्मीदवार सीआईडी ​​की हिरासत में हैं। आरोपियों में एक सरकारी इंजिनियर भी शामिल है जिसके ऊपर ब्लूटूथ से नकल करवाने का आरोप है। सहायक कार्यकारी अभियंता 33 वर्षीय मंजूनाथ मालेकुंडी 9 अप्रैल से फरार है। इधर गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की मुख्य आरोपी दिव्या हागरागी की संपत्तियां जब्त करने का अल्टीमेटम जारी किया है। घोटाला सामने आने के बाद से दिव्या फरार थी और मामले की जांच कर रही सीआईडी ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था।

सब इंस्पेक्टर भर्ती की परीक्षा का केंद्र दिव्या के संचालित स्कूल में भी पड़ा था। आरोप है कि वहां पर उन्होंने अभ्यर्थियों को नकल करवाई। राज्य के गृह मंत्री ने दावा किया कि ऐसी अनियमितताएं सालों से हो रही थीं। हम इसकी जड़ तक जाना चाहते थे और उस गिरोह का पर्दाफाश करना चाहते थे जो सरकारी नौकरी बेच रहा था और ईमानदार उम्मीदवारों की मेहनत को दबा रहा था। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अन्य दलों के नेताओं को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।

उन्होंने कहा कि यह घोटाला आने वाली पीढ़ी को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि जो उम्मीदवार पैसे के कारण चुना जाता है, उसकी सोच पैसा बनाने के बारे में होगी और वह केवल पैसा बनाने में लिप्त होगा, अधिकारियों की पोस्टिंग में भी भ्रष्टाचार है। राज्य में प्रशासन ध्वस्त हो गया है। इधर पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले की जांच कर रही सीआईडी ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे को उनके सामने पेश होने के लिए दूसरा नोटिस दिया है।

सीआईडी ने 22 अप्रैल को पहला सम्मन जारी किया था। उनसे कहा गया था कि वह उम्मीदवार और बिचौलिए के बीच बातचीत का ऑडियो जारी करें, जिसका वह दावा कर रहे थे। दूसरे नोटिस पर श्री प्रियांक ने कहा,“मुझे नहीं पता कि उन्होंने पहले नोटिस का मेरा जवाब पढ़ा या नहीं। मैंने सुना है कि उन्होंने बेंगलुरु में मेरे आवास पर दूसरा नोटिस दिया है। मुझे यह नहीं मिला है क्योंकि मैं कलबुर्गी में हूं।”

उन्होंने कहा, “मुझे गवाही देने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं न तो आरोपी हूं और न ही गवाह हूं। मेरे पास जो जानकारी है वह सार्वजनिक डोमेन में है। मैंने अपने लिखित जवाब में यही कहा है और मैं इस पर कायम हूं।” यह घोटाला कलबुर्गी जिले में सामने आया था। इस मामले में अफजलपुर के विधायक के सुरक्षाकर्मी समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह मामला तब सामने आया था, जब एक अभ्यर्थी को एक प्रश्न पत्र में महज 21 प्रश्न हल करने पर 100 प्रतिशत अंक दे दिए गए थे। एसआई के 545 पदों के लिए 54,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।

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