फादर्स डे स्पेशल: खटीमा में रहने वाले इफ़्तिख़ार ने अपने बेटे को दिया अनमोल गिफ्ट, जानिए…

फादर्स डे स्पेशल: खटीमा में रहने वाले इफ़्तिख़ार ने अपने बेटे को दिया अनमोल गिफ्ट, जानिए…

बरेली, अमृत विचार। खटीमा में रहने वाले इफ़्तिख़ार उत्तराखंड के सहकारिता विभाग में काम करते हैं। उनका बेटा जमशेद जिसकी उम्र अब आठ वर्ष है। वह बचपन से ही दिव्यांग था उसके दोनों पैर पैदा होते समय ही टेड़े थे जिसके कारण उसके दोनों पंजों की हड्डियों का असामान्य रूप से न बन पाना था। ऐसे …

बरेली, अमृत विचार। खटीमा में रहने वाले इफ़्तिख़ार उत्तराखंड के सहकारिता विभाग में काम करते हैं। उनका बेटा जमशेद जिसकी उम्र अब आठ वर्ष है। वह बचपन से ही दिव्यांग था उसके दोनों पैर पैदा होते समय ही टेड़े थे जिसके कारण उसके दोनों पंजों की हड्डियों का असामान्य रूप से न बन पाना था। ऐसे बच्चे जन्मजात विकृतियां के साथ पैदा होते हैं और उचित इलाज के अभाव में जीवन भर विकलांगता का अभिशाप झेलते हैं और एक सामान्य जीवन नहीं जी सकते।

खटीमा हल्द्वानी पीलीभीत और बरेली सहित अन्य बहुत जगह पर जमशीद का इलाज उसके पिता द्वारा कराया गया और प्लास्टर आदि लगाकर उसके पैरों को ठीक करने की कोशिश विभिन्न डॉक्टरों द्वारा की गई। लेकिन इलाज के बाद भी उसके पैर फिर से टेड़े हो जाते थे। आठ वर्ष से बच्चों को इस बीमारी में ठीक कर पाना एक चुनौती भरा काम होता है। मई 2022 में क़रीब छह हफ़्ते पहले जमशीद के पिता अपने बच्चे को ठीक कराने के लिए फिर से सक्रिय हुए।

एक पिता होने कि नाते इफ़्तिख़ार ने कोई कमी नहीं छोड़ी और अच्छे से अच्छे डॉ और अस्पतालों में उसका इलाज कराया ,इतने इलाज के बाद भी जब जब बेटा ठीक नहीं हो पाया तो उसके पिता बहुत परेशान रहने लगे और दिन रात दुआएँ माँगते थे कि कैसे भी उनका बेटा ठीक हो जाए। एक पिता होने के नाते वो अपने बच्चे को एक दम सामान्य देखना चाहते थे ताकि वह बच्चा किसी के ऊपर बोझ न बने और आगे पढ़ लिख कर एक क़ाबिल नागरिक बन पाए। काफ़ी खोजबीन के बाद जमशीद के पिता ने उसको बरेली में डॉ प्रमेन्द्र माहेश्वरी को दिखाया जो ऐसे पैदाइशी हड्डी के रोगों की विकृतियों को ठीक करने के विशेषज्ञ हैं। डॉ माहेश्वरी ने उसकी आयु और पैरों की ख़राब हालत को देखते हुए उसको आपरेशन कराने की सलाह दी।

आठ वर्ष की उम्र में इस बीमारी को किसी साधारण ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता। साथ ही दोनों पैर ख़राब होने के कारण स्थिति और भी जटिल हो गई थी यदि यह बीमारी एक पैर में हो तो इलाज करना आसान होता है। इस बच्चे के दोनों पैरों का ऑपरेशन डॉ प्रवीन अग्रवाल के साथ किया और आज अब जमशीद पूरी तरह से स्वस्थ है, और अपने दोनों पैरों पर सामान्य रुप से खड़ा हो सकता है चल फिर सकता है खेल सकता है। आज जमशीद को डॉक्टरों के सहयोग और आधुनिक चिकित्सा की विधियों से उसके पिता ने एक फ़ादर्स डे का बहुत अनमोल उपहार अपने बेटे को दिया है।

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