जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित: इंदिरा गांधी को रोका था, राहुल-प्रियंका को भी रोकेंगे

जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित: इंदिरा गांधी को रोका था, राहुल-प्रियंका को भी रोकेंगे

महेश शर्मा पुरी, अमृत विचार। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगी है। बताते हैं 1984 के आसपास तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को मंदिर में प्रवेश से रोका गया था। यहां के सेवायत कहते हैं कि इंदिरा गांधी का विवाह फिरोज़ जहांगीर गांधी से हुआ था। …

महेश शर्मा
पुरी, अमृत विचार। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगी है। बताते हैं 1984 के आसपास तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को मंदिर में प्रवेश से रोका गया था। यहां के सेवायत कहते हैं कि इंदिरा गांधी का विवाह फिरोज़ जहांगीर गांधी से हुआ था। विवाह के उपरांत महिला पति के गोत्र की हो जाती है।

इतिहासकार पंडित सूर्यनारायण शर्मा के हवाले से बताया जाता है कि इंदिरा गांधी को 1984 में जगन्नाथ मंदिर में दर्शन इसीलिए नहीं करने दिया गया था। यहां के सेवायत कहते हैं कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा रथयात्रा में आ सकते हैं पर मंदिर के भीतर नहीं जा सकते।

पुरी के वरिष्ठ पत्रकार जगन्नाथ बस्तियां कहते हैं कि इतिहासकार तो यह भी मानते हैं कि जगन्नाथ मंदिर पर हुए कई आक्रमण में धर्म विशेष के शासकों का हाथ रहा है। शायद यह भी एक वजह है कि सनातन धर्म को बचाने के लिए जगन्नाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई गई।

सेवायत रजत प्रतिहारी कहते हैं कि वह राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी मंदिर में प्रवेश नहीं देंगे, क्योंकि वो उन्हें हिंदू नहीं मानते हैं। जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों और जगन्नाथ चैतन्य संसद से जुड़े लोगों ने बताया कि राहुल गांधी का गोत्र फ़िरोज़ गांधी से माना जाएगा ना कि नेहरू से।

बता दें कि जगन्नाथ मंदिर विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। बंगाल की खाड़ी के पूर्वी छोर पर स्थित शहर पुरी भुवनेश्वर के पास है। यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं। इस मंदिर में किसी गैर-हिंदू के प्रवेश की इजाजत नहीं है।

मंदिर के दरवाजे के निकट एक दिशा पट्टी लगी हुई है जिस पर लिखा है, यहां केवल रुढिवादी हिंदूओं को भीतर जाने की अनुमति है। इतना ही नहीं, जिन लोगों का गैर-हिंदूओं से संबंध भी हो उन्हें भी यहां दर्शन करने की अनुमति नहीं है। इसी वजह से 1984 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी यहां दर्शन करने की अनुमति नहीं मिली थी।

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