अयोध्या: बाढ़ इलाके में पशुओं का स्वास्थ्य गड़बड़ाया

अयोध्या: बाढ़ इलाके में पशुओं का स्वास्थ्य गड़बड़ाया

अमृत विचार, अयोध्या। जिले में बाढ़ के विकराल रूप ने सरयू के तटीय इलाकों में हाहाकार मचा रखा है। बाढ़ से प्रभावित दर्जन भर गांव में अफरा-तफरी मची है। लोग अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले रहे हैं। इंसानों के साथ पशुओं का भी हाल बुरा है। बाढ़ से ग्रसित 12 गांवों …

अमृत विचार, अयोध्या। जिले में बाढ़ के विकराल रूप ने सरयू के तटीय इलाकों में हाहाकार मचा रखा है। बाढ़ से प्रभावित दर्जन भर गांव में अफरा-तफरी मची है। लोग अपने घरों को छोड़ सुरक्षित स्थानों पर पनाह ले रहे हैं। इंसानों के साथ पशुओं का भी हाल बुरा है। बाढ़ से ग्रसित 12 गांवों में 3597 पशु प्रभावित हुए हैं। इनमें 1693 पशु बीमार हैं।

इनमें कुछ को भूख नहीं लगने की शिकायत है तो कई जानवर कमजोर हो गये हैं। बहुत से पशुओं में बुखार आने की भी शिकायत है। हालांकि पशु पालन विभाग का दावा है कि बाढ़ के कारण अभी किसी भी पशु की जान नहीं गई है। दूसरी ओर बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पशुओं तक भूसा पहुंचाने में भी दिक्कतें आ रही हैं।

पशुपालन विभाग के मुताबिक जनपद अयोध्या में 12 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में 11 पशु राहत शिविरों की स्थापना की गयी है। बाढ़ के कारण 3 हजार 597 पशु भी प्रभावित हुए हैं। इनमें अब तक 1 हजार 693 पशु बीमार हो चुके हैं।

पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विवेक शुक्ला ने बताया कि पशुओं में अधिकतर कमजोरी, भूख न लगने और हल्का बुखार आने की शिकायते हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी देवेन्द्र कुमार गुप्ता का कहना है कि बाढ़ में अभी तक न तो किसी पशु की मृत्यु हुई है और न ही कोई पशु पानी में बहा है। बीमार पशुओं का इलाज 4 स्वास्थ्य कैम्पों में हो रहा है। 5 किलो भूसा प्रति पशु तीन दिन के लिए दिया जा रहा है। जिले के बाढ़ ग्रस्त गांवों में अभी तक 315 कुंटल भूसे का वितरण किया जा चुका है। बंधे का रास्ता पतला है इसलिए भूसा पहुंचाने में दिक्कते आ रही हैं। फिलहाल रुदौली और सोहावल में बाढ़ का पानी करीब 1 फुट घटा है।

पशुओं को लगाया जा रहा लम्पी स्किन डिसीज का टीका

जनपद में लम्पी स्किन डिसीज की रोकथाम के लिए गोवंशीय पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। जिले में 2 लाख 74 हजार गोवंशीय पशु हैं। 2 लस,स 20 हजार गोवंश को टीका लगाने का लक्ष्य है। 1 लाख 40 हजार गोवंश को लम्पी स्किन डिसीज का टीकाकरण किया जा चुका है। 4 माह से कम और 8 माह के ऊपर गर्भवती गोवंश का टीकाकरण नहीं किया जा रहा। – देवेन्द्र कुमार गुप्ता, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी

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