बरेली: रेलवे जंक्शन की घड़ियां खराब, समय जानने के नहीं इंतजाम

बरेली, अमृत विचार। बरेली जंक्शन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगायी गईं घडियां काफी समय से खराब पड़ी हैं। इसकी वजह से यात्रियों को सही समय का पता नहीं चल पाता है। बताया जा रहा है कि इन घड़ियों की समय सीमा समाप्त हो चुकी थी। इसी कारण से इन्हें हटा दिया गया। इसके …
बरेली, अमृत विचार। बरेली जंक्शन पर यात्रियों की सुविधा के लिए लगायी गईं घडियां काफी समय से खराब पड़ी हैं। इसकी वजह से यात्रियों को सही समय का पता नहीं चल पाता है। बताया जा रहा है कि इन घड़ियों की समय सीमा समाप्त हो चुकी थी। इसी कारण से इन्हें हटा दिया गया। इसके बाद नई घड़ियां लगाई जानी हैं लेकिन अभी तक घडि़यां नहीं लगायी गई हैं।
जंक्शन के किसी भी प्लेटफॉर्म पर इस वक्त यात्रियों को समय दिखाने वाली घड़ी मौजूद नहीं है। हैरानी की बात यह है कि महीनों से प्लेटफॉर्म बिना घड़ी के हैं और अधिकारियों की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है। हालांकि जमाना स्मार्टफोन का है।
अधिकांश लोगों के पास स्मार्ट फोन व बेसिक मोबाइल हैं, जिनसे समय पता चल जाता है लेकिन आज एक तबका ऐसा भी जिसके पास स्मार्ट फोन या हाथ की घड़ी तक नहीं होती। ऐसे में इन लोगों को अगर जंक्शन पर समय देखने की जरूरत पड़े तो किसी से पूछना ही पड़ेगा।
स्टेशन आने वाले यात्रियों से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि बरेली जैसे बड़े जंक्शन पर महींनों से घड़ी नहीं होना बड़ी लापरवाही है। इस संबंध में बताया गया कि पुरानी घड़ियों की समय सीमा खत्म हो जाने के बाद सभी प्लेटफॉर्म्स और पूरे स्टेशन परिसर में करीब 10 नई घड़ियां लगाई जानी हैं, मगर इन्हें कब लगाया जाएगा इसके बारे में बताने को कोई तैयार नहीं है। स्टेशन अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने बताया कि पुरानी घड़ियां खराब हो गईं थी लिहाजा उन्हें हटा दिया गया है।
कुत्ते बंदर लड़ते हैं, परेशान होते हैं यात्री
स्टेशन पर बंदरों का आतंक इस कद्र है कि यात्रियों का प्लेटफॉर्म पर बैठना तक मुश्किल हो जाता है। कई बार यह बंदर यात्रियों पर हमला कर देते हैं। बुधवार को स्टेशन पर खेलते-खेलते एक बंदर ने परिवार के साथ बैठी बच्ची को पकड़ लिया, लोगों ने शोर मचाया तो बंदर भागा। गुरुवार को भी स्टेशन पर अचानक कुत्ते और बंदरों के बीच घमासान हो गया। इस बीच प्लेटफॉर्म नंबर एक पर अपने परिवार के साथ आई बच्ची पर बंदर ने हमला करने का प्रयास किया। अमृतसर-कोलकाता एक्सप्रेस में सफर करने के आए राजू ने बताया कि उनका एस-8 में आरक्षण था ट्रेन का इंतजार करने के लिए बैठे थे तभी बंदर बच्ची की तरफ दौड़ पड़ा। अधिकारियों की मानें तो स्टेशन से जानवरों को भगाने के लिए कई बार नगर निगम को लिखा जा चुका है।
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