शाहजहांपुर: ऑपरेशन के बाद महिला के पेट में छूटा कपड़ा, अब कही जा रही जांच की बात

शाहजहांपुर, अमृत विचार। सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकार से लेकर गांव की आशा बहुंए तक सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर जोर देती हैं। वहीं यहां मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला महिला अस्पताल में प्रसव को पहुंची महिला का ऑपरेशन करने बाद उसके पेट में कपड़ा छूट गया। महिला का अब लखनऊ में इलाज …
शाहजहांपुर, अमृत विचार। सुरक्षित प्रसव कराने के लिए सरकार से लेकर गांव की आशा बहुंए तक सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर जोर देती हैं। वहीं यहां मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला महिला अस्पताल में प्रसव को पहुंची महिला का ऑपरेशन करने बाद उसके पेट में कपड़ा छूट गया। महिला का अब लखनऊ में इलाज चल रहा है, वहीं अस्पताल प्रशासन मामले की जानकारी से अनजान बनते हुए महिला सीएमएस से जांच करा कार्रवाई की बात कह रहा है।
तिलहर क्षेत्र के गांव रमापुर उत्तरी निवासी मनोज कुमार ने डीएम को भेजे गए पत्र में बताया कि उसने छह जनवरी को प्रसव पीड़ा होने पर पत्नी को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। आरोप है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन के बदले उससे रिश्वत मांगी। रुपये न दे पाने की असमर्थता जताने पर डॉक्टर ने ऑपरेशन तो किया लेकिन कपड़ा पेट के अंदर ही छूट गया और एक आंत को धागे से जोड़ दिया गया। ऑपरेशन के बाद नवजात बच्ची और प्रसूता को छुट्टी दे दी गई। परिजन उसे घर ले गए।
घर पहुंचने पर कुछ देर बाद प्रसूता महिला की तबीयत बिगड़ने लगी। परिजन उसे दोबारा मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। पीड़ित के मुताबिक कोरोना संक्रमण के अधिक मरीत मिलने की वजह से प्रसूता को इलाज नहीं मिल सका। मजबूरन परिजन उसे प्राइवेट डॉक्टर के यहां लेकर चले गए। परिजनों के मुताबिक बाद में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में महिला का सीटी स्कैन कराया गया। तब पता चला कि पेट में कपड़ा है और आंत को एक धागे से जोड़ा गया है।
महिला के पति मनोज ने पत्र में आगे कहा है कि वह शिकायत करने राजकीय मेडिकल कॉलेज गया लेकिन उसे जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारी नहीं मिले। 21 जून को महिला को प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां ऑपरेशन के बाद कपड़ा निकाला गया। हालत में सुधार न होने पर परिजन महिला को बरेली लिए गए। बरेली इलाज में ज्यादा खर्चा आने पर परिजन महिला को वापस घर ले आए।
बाद में खेत गिरवी रखकर और जेवर बेचकर दोबारा महिला को राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां से महिला को हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। 14 जुलाई को परिजनों ने महिला को लखनऊ के मेडिकल कॉलेज के ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया। जहां उसका इलाज चल रहा है। पीड़ित ने आरोपी डॉक्टर की लिखित शिकायत डीएम से करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
दोबारा आकर जांच कराई होती तो होता प्रूफ
राजकीय मेडिकल कॉलेज की प्रवक्ता पूजा त्रिपाठी पांडेय ने कहा कि यदि महिला ने यहां दोबारा आकर जांच कराई होती तो इससे कुछ प्रूफ होता लेकिन उन्होंने जांच प्राइवेट में करवाई है, इसलिए यह कैसे प्रूफ होगा कि मामले में की जा रही शिकायत सच है। यदि डीएम के पास पत्र पहुंचा है तो मामले की महिला सीएमएस से जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।