Pegasus issues: राहुल ने PM मोदी पर किया कटाक्ष, कहा- हम जानते हैं कि वह आपके फोन में सबकुछ पढ़ रहे हैं
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके कई प्रमुख व्यक्तियों एवं पत्रकारों का कथित पर फोन टैप किए जाने के मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर कटाक्ष भी किया। उन्होंने ट्वीट किया, ”हम …
नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का उपयोग करके कई प्रमुख व्यक्तियों एवं पत्रकारों का कथित पर फोन टैप किए जाने के मामले में स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर कटाक्ष भी किया। उन्होंने ट्वीट किया, ”हम जानते हैं कि वह आपके फोन में सबकुछ पढ़ रहे हैं।”
We know what he’s been reading- everything on your phone!#Pegasus https://t.co/d6spyji5NA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2021
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि यह मुद्दा लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने ट्वीट किया, ”अगर यह सही है तो मोदी सरकार ने निजता के अधिकार पर भयावह हमला शुरू कर दिया है। यह लोकतंत्र का अपमान है और हमारी स्वतंत्रता पर भी इसके कई दुष्प्रभाव हैं।”
.. ominous implications for our freedoms. 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2021
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ”टैपिंगजीवी जी, राजनीतिक विरोधियों के साथ-साथ अब पत्रकार, जज, उद्योगपति, खुद के वरिष्ठतम मंत्री और यहां तक की आरएसएस की लीडरशिप को भी नहीं बख्शा, आपने तो।ठीक ही कहा-अबकी बार, जासूस सरकार !” पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है और इसकी स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए।
गौरतलब है कि मीडिया संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर, हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,” इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।”