बरेली: स्पेशल ट्रेनों के नाम पर वसूला अधिक किराया, फिर भी पूरा नहीं हुआ घाटा
बरेली, अमृत विचार। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जत नगर मंडल में धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। ट्रेनों की आवाजाही बढ़ने से रेल राजस्व में भी इजाफा हुआ है। मंडल के प्रमुख स्टेशन इज्जत नगर की आमदनी मई के मुकाबले जून में यात्रियों की संख्या बढ़ने से हुई। हालांकि बीते सालों के मुकाबले अब भी …
बरेली, अमृत विचार। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जत नगर मंडल में धीरे-धीरे ट्रेनों का संचालन शुरू हो चुका है। ट्रेनों की आवाजाही बढ़ने से रेल राजस्व में भी इजाफा हुआ है। मंडल के प्रमुख स्टेशन इज्जत नगर की आमदनी मई के मुकाबले जून में यात्रियों की संख्या बढ़ने से हुई। हालांकि बीते सालों के मुकाबले अब भी यह आंकड़ा सामान्य से बहुत अधिक पीछे है।
मई में 2612 यात्रियों ने आरक्षित टिकट पर यात्रा की, जिससे स्टेशन को 9,28,770 रुपये की आय हुई। जबकि मई में 6487 लोगों ने अनारक्षित टिकट पर सफर किया, जिससे 2,46,320 रुपये की आय हुई। जून में ट्रेनों की संख्या बढ़ी तो आमदनी भी बढ़ गई। जून में 8195 यात्रियों ने आरक्षित टिकट पर सफर किया, जिससे 27,22,965 रुपये का रेल राजस्व प्राप्त हुआ, जो मई के मुकाबले करीब तीन गुना अधिक है।
वहीं अनारक्षित श्रेणी में जून में 14938 लोगों ने अनारक्षित टिकटों पर सफर किया, जिससे 5,84,605 रुपये की कमाई हुई। अगर महामारी से पहले की बात करे तो आरक्षित टिकटों पर औसतन प्रतिमाह 18 हजार से अधिक यात्री सफर करते थे, जिससे औसतन 60 लाख रुपये से अधिक का रेल राजस्व मिलता था। जबकि अनारक्षित टिकटों से औसतन प्रति माह 1.6 लाख से अधिक की आय होती थी लेकिन अब यह आंकड़ा धड़ाम हो चुका है।
यात्रियों की जेब से होगी घाटे की भरपाई
रेलवे वर्तमान में चल रही ट्रेनों को स्पेशल, कोविड स्पेशल, त्योहार स्पेशल के नाम से चला रहा है। इन सभी स्पेशल ट्रेनों में प्रति टिकट 20 से 25 फीसदी तक अधिक किराया वसूला जा रहा है। आमदनी बढ़ाने के लिए पैसेंजर ट्रेनों में भी मेल और एक्सप्रेस का किराया लागू किया गया है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि रेलवे अपना नुकसान यात्रियों की जेब से ही वसूल रहा है।
ट्रेनों का धीरे-धीरे संचालन शुरू हो रहा है। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में रेलवे की कमाई में वृद्धि होगी। जबकि अभी काफी ट्रेनों का संचालन शुरू होना बाकी है। हालांकि बहुत सारे यात्री कोविड के डर से सिर्फ जरूरी काम के लिए ही सफर कर रहे हैं। -राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे