हल्द्वानी: एसडीआरएफ के जवान ने एक ही महीने में दो बार प्लाज्मा दान कर पेश की मिसाल

हल्द्वानी, अमृत विचार। एसडीआरएफ के जवान दीपक कोरोना से संक्रमित दो लोगों के जीवन में प्रकाश बनकर आए हैं। उन्होंने एक माह के भीतर दो बार प्लाज्मा दान कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। उनका योगदान इसलिए भी और अहम हो जाता है कि वह कोरोना बचाव और रोकथाम अभियान का हिस्सा बनने के …
हल्द्वानी, अमृत विचार। एसडीआरएफ के जवान दीपक कोरोना से संक्रमित दो लोगों के जीवन में प्रकाश बनकर आए हैं। उन्होंने एक माह के भीतर दो बार प्लाज्मा दान कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। उनका योगदान इसलिए भी और अहम हो जाता है कि वह कोरोना बचाव और रोकथाम अभियान का हिस्सा बनने के साथ ही प्लाज्मा दान के दोहरे मोर्चे पर डटे हुए हैं।
मूल रूप से चमोली जिले के रहने वाले दीपक पंत वर्ष 2006 में उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हुए थे। वर्ष 2014 से एसडीआरएफ का हिस्सा बने हैं। वह पिछले वर्ष रेस्क्यू अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इससे उबरने के बाद उन्होंने पिछले माह एक युवक की जान बचाने के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट किया था।
अब एक माह के भीतर उन्होंने दूसरे गंभीर कोरोना संक्रमित जान बचाने के लिए अपना प्लाज्मा दिया है। कोरोना काल की दूसरी खतरनाक लहर के बीच एक माह के भीतर दो बार प्लाज्मा देकर दीपक ने इंसानियत की मिसाल पेश की है।यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर रोजाना तमाम जानें लील रही है। चिकित्सकीय संसाधनों की किल्लत और कुप्रबंधन से हालात बेहद बिगड़े हुए हैं।
ऑक्सीजन की कमी तो कही अस्पताल में वेंटीलेटर बेड नहीं मिल रहे। ऐसे में प्लाज्मा थेरेपी पीड़ितों की जान बचाने के साथ ही इलाज में कारगर साबित हो रही है। इस मामले में दीपक का कहना है कि कोरोना को मात देने वाले प्लाज्मा दान के साथ गंभीर रोगियों को नया जीवन दे सकते हैं। इसके लिए उन्हें रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को पीछे छोड़कर आगे आना चाहिए।