बरेली: निजीकरण और बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं- गिरिधर

बरेली: निजीकरण और बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं- गिरिधर

अमृत विचार, बरेली। सरकार की निजीकरण नीति को किसी भी हाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा। निजीकरण और शोषण एक सिक्के के दो पहलू हैं। इस बार बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के निजीकरण की जो घोषणा की है उससे पूरे देश के बैंक कर्मियों में रोष है। इसलिए निजीकरण के विरोध …

अमृत विचार, बरेली। सरकार की निजीकरण नीति को किसी भी हाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा। निजीकरण और शोषण एक सिक्के के दो पहलू हैं। इस बार बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के निजीकरण की जो घोषणा की है उससे पूरे देश के बैंक कर्मियों में रोष है। इसलिए निजीकरण के विरोध में 15 और 16 मार्च को प्रस्तावित हड़ताल को तैयार रहना। ये बातें आल इंडिया यूनियन बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (यूबीओए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरिधर गोपाल ने शुक्रवार को ग्रीन पार्क स्थित एक लॉन में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने से पूर्व प्रेसवार्ता में कहीं।

निजीकरण के विरोध में प्रस्तावित हड़ताल को मजबूती देने पहुंचे गिरिधर गोपाल ने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों को अपने हक और अधिकारों के प्रति सचेत रहना होगा। माल्या, नीरव मोदी जैसे चुनिंदा पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार निजीकरण पर जोर दे रही है। इससे केवल बैंक कर्मियों का नहीं हर वर्ग का शोषण होगा। गरीबों की जेब पर डाका डालकर सिर्फ पैसा कमाना सरकार का मकसद रह जाएगा। साफ कहा कि सरकार की मंशा सरकारी विभागों को बेचने की है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यूनियन के प्रांतीय महामंत्री विनय श्रीवास्तव ने कहा कि जनता की मेहनत से खड़ा किया गया सरकारी ढांचा एक-एक करके पूंजीपतियों के हवाले करना पूर्ण तरीके से गलत है। रेलवे, हवाई सेवाएं, चिकित्सा, बिजली, शिक्षा, पानी जैसी मूलभूत सेवाओं का निजीकरण कर पूंजीपतियों को टैक्स में भारी छूट दी जा रही है। इन हालातों में गरीब जनता भूखी मरने पर मजबूर होगी।

लखनऊ से आए महामंत्री विनय श्रीवास्तव ने कहा सरकार देश के नवरत्नों को बहुत तेजी से निजी क्षेत्र में बेच रही है लेकिन यह विरोध जारी रहेगा। हमारी हड़ताल बेमिसाल होगी इसको लेकर हम लड़ेंगे और इसमें जीतेंगे भी। प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण मिश्रा ने कहा आज 12 लाख करोड़ रुपये का एनपीए है। इसमें अधिकतर कारपोरेट घरानों के लोग शामिल है। जिनको पहले पैसा दिलाया गया और फिर बाद में देश से भगा दिया। पीके माहेश्वरी, संजीव मित्तल, आरके वर्मा, परवीन मिश्रा, प्रशांत कुमार, अरुण सक्सेना,नेत्रपाल, राजित राम आदि उपस्थित रहे।

इसलिए की गई हड़ताल  की घोषणा
बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के महामंत्री संजीव मेहरोत्रा ने बताया सरकारी क्षेत्र के दो बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में यह हड़ताल बुलाई है। इस साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था। केंद्र सरकार साल 2019 में पहले ही एलआईसी में आईडीबीआई बैंक का अधिकांश हिस्सा बेच चुकी है। इसके साथ ही पिछले चार सालों में 14 सार्वजनिक बैंकों का विलय हुआ है।

ताजा समाचार

लखीमपुर खीरी: नई दिल्ली स्टेशन पर हादसे के बाद अलर्ट, डीएम पहुंचीं रेलवे स्टेशन और बस अड्डा
Kannauj में दो बाइकों की भिड़ंत: बहन के विवाह की तैयारी में लगे भाई की मौत, बाबा की हालत गंभीर, शादी की खुशियां मातम में बदलीं
बदायूं: महिला की मौत के बाद मिला था सुसाइड नोट, अब छह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
Kannauj: दिल्ली हादसे के बाद अधिकारी सतर्क, शहर से हजारों यात्री कर रहे प्रयागराज के लिए सफर, ट्रेनों में खड़े होने की भी जगह नहीं
Unnao: ट्रक में पीछे से घुसी निजी बस, 6 श्रद्धालु हुए घायल, चालक को झपकी आने से हुआ हादसा
उन्नाव में बम-बम भोले का जयघोष, पैरों में घुंघरू बांधकर निकले कांवड़िये