लखनऊ में फैला म्यांमार के साइबर ठगों का नेटवर्क, गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार, छह की तलाश जारी, जानें कैसे बना रहे लोगों को शिकार

लखनऊ, अमृत विचार: म्यांमार में साइबर ठग गिरोह का नेटवर्क राजधानी के कई इलाकों में फैला है। मदेयगंज पुलिस ने इससे जुड़े एक गिरोह का खुलासा करते हुए दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। जबकि छह की तलाश में टीम दबिश दे रही है। इस मामले में दो दिन पहले म्यांमार में बंधक बनाए गए लखनऊ छह पीड़ितों ने मदेयगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पीड़ितों के मुताबिक थाईलैंड में डाटा एंट्री आपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। थाईलैंड से म्यांमार ले जाकर साइबर ठग गिरोह ने बंधक बना लिया।
इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह के मुताबिक पकड़े गये आरोपियों में जानकीपुरम सुलभ आवास का जावेद इकबाल और मदेयगंज खदरा का मो. अहमद खान उर्फ भैय्या शामिल है। जावेद इकबाल मूलत: बिहार के जहांनाबाद के खान टोला निचलकी का रहने वाला है। इस गिरोह के पांच अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। इस गिरोह के छह सदस्यों में जीशान खान, रफाक राही, अशरफ, समीर, नफीस और छोटू शामिल है। पुलिस के मुताबिक पीड़ितों ने बताया कि ये सभी बैंकॉक में रहते हैं। इंस्पेक्टर मदेयगंज राजेश सिंह के मुताबिक साइबर ठगी गिरोह के खिलाफ मदेयगंज के मशालचीटोला के सलाहहु्द्दीन रब्बानी, ठाकुरगंज हुसैनाबाद के मो. सलीम, राजाजीपुरम आलमनगर का साजिद मिर्जा, जिशान, तौसीफ व मो. अनस ने गुरुवार को रिपोर्ट दर्ज कराई है।
डाटा एंट्री आपरेटर की नौकरी का झांसा
पीड़ितों ने पुलिस को बताया कि आरोपी उनको थाईलैंड में डाटा एंट्री आपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा दिया। थाईलैंड में नौकरी के लिए 30 हजार रुपये विदेशी मुद्रा हर माह वेतन दिलाने का वादा किया। पासपोर्ट, वीजा और एयरटिकट के लिए लाखों रुपये की वसूली की। पीड़ितों के मुताबिक 30 सितंबर 2024 को बैंकॉक पहुंचे थे। इसके बाद सभी को म्यांमार भेज दिया गया। जहां बंधक बनाकर साइबर ठगी का काम कराया जाने लगा। भारत सरकार ने पहल कर म्यांमार से 10 मार्च को पीड़ितों को मुक्त कराकर लखनऊ पहुंचाया । इंस्पेक्टर राजेश सिंह के मुताबित आरोपी जावेद इकबाल के खिलाफ विभूतिखंड, मदेयगंज, वजीरगंज थाने में पहले से कई रिपोर्ट दर्ज है। वहीं मो. अहमद खान के खिलाफ वजीरगंज व मदेयगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज है।
विदेश में भी बैठे हैं एजेंट
पुलिस के मुताबिक आरोपियों का नेटवर्क देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। पीड़िता ने जो जानकारी दी। उसकी पुष्टि के लिए आरोपियों से पूछताछ की। सामने आया कि उनके गिरोह के कुछ सदस्य थाइलैंड के प्रमुख शहरों में है। इसमें जीशान खान, रफाक राही, अशरफ, समीर, नफीस और छोटू शामिल है। सभी एक दूसरे के संपर्क में रहते हैं। गिरोह के कुछ सदस्य लखनऊ व प्रदेश के कई स्थानों से बेरोजगारों को फंसाकर बैंकॉक भेजते है। जहां पहुंचने पर वहां के साथी म्यांमार में नौकरी दिलाने का झांसा देकर साथ ले जाते। म्यांमार में बंधक बनाकर साइबर ठगी का काम कराया जाता। पुलिस के अनुसार आरोपित जावेद और पीड़ित सलाहहुद्दीन की मुलाकात मदेयगंज इलाके में स्थित ग्लोब कैफे में हुई थी। पीड़ित से 50 हजार रुपये लिए थे। वहीं, साजिद और जिशान ने तीन लाख और सलीम से एक लाख रुपये वसूले थे।
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