हल्द्वानीः आर्थोपेडिक डॉक्टरों की तीन दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी

हल्द्वानीः आर्थोपेडिक डॉक्टरों की तीन दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी

हल्द्वानी, अमृत विचार: हल्द्वानी में तीन दिनों तक देशभर के आर्थोपेडिक (अस्थि रोग विशेषज्ञ)  डॉक्टर जुटेंगे। मेडिकल साइंस के विषयों पर चर्चा होगी। आयोजकों के अनुसार इसका लाभ मेडिकल साइंस में उपचार पद्धति को और भी बेहतर बनाने में मिलेगा। हल्द्वानी आर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से रामपुर रोड स्थित होटल में वार्ता हुई। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. प्रदीप पांडे ने बताया कि आर्थोपेडिक डॉक्टरों की राष्ट्रीय गोष्ठी हर साल होती है। पिछले साल गोष्ठी का आयोजन ऋषिकेश में हुआ था।

अमरदीप होटल में तीन दिनों तक गोष्ठी होगी। इसमें मुंबई से डॉ. मंगल परिहार, डॉ. रजुता मेहता, डॉ. मंदार अगाशे, डॉ. रोशन वाडे, एम्स दिल्ली से डॉ. विजय कुमार, डॉ. समर्थ मित्तल, एम्स ऋषिकेश से डॉ. पंकज कंडवाल, डॉ. आरबी कालिया, डॉ. सिद्धार्थ शर्मा, पीजीआई चंडीगढ़ से डॉ. पीएन गुप्ता, केजीएमसी लखनऊ से डॉ. आशीष कुमार भाग लेंगे। गोष्ठी में देश के विभिन्न शहरों से 80 से ऊपर फैकल्टी और 200 से अधिक डेलीगेट्स हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम सचिव डॉ. पुनीत अग्रवाल ने बताया कि हल्द्वानी शहर से ही करीब 30 अस्थि रोग विशेषज्ञ इसमें शामिल होंगे। पूरे राज्य से ज्यादा से ज्यादा अस्थि रोग विशेषज्ञ इसमें प्रतिभाग करेंगे।  इसमें सरकारी और निजी डॉक्टर शामिल होंगे। इस दौरान हल्द्वानी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के सचिव डॉ. भूपेंद्र बिष्ट, पुष्कर चंद्र पांडे, डॉ. गणेश, डॉ. ईश्वर रहे।

ये मिलेगा फायदा
हल्द्वानी। डॉ. प्रदीप पांडे ने बताया कि पूरे देश में डॉक्टर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। मेडिकल साइंस नित्य नई तरक्की करता है लेकिन समय के अभाव में डॉक्टर एक दूसरे के अनुभवों को जान नहीं पाते हैं। गोष्ठी में उपचार पद्धति में इस्तेमाल किए गए तरीकों पर चर्चा होगी। जिसका लाभ सभी डॉक्टरों के माध्यम से मरीजों को मिलेगा।

अस्थि रोग विशेषज्ञ नहीं बैठेंगे ओपीडी में
हल्द्वानी। गोष्ठी की वजह से 28 फरवरी से एक मार्च तक सरकारी और निजी अस्पतालों में अस्थि रोग विशेषज्ञ मरीजों को नहीं देखेंगे। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी। जरूरी होने पर ऑपरेशन भी किए जाएंगे।