मुख्य नगर आयुक्त का सिम हैक, उठाए 1.84 लाख रुपये

मुख्य नगर आयुक्त का सिम हैक, उठाए 1.84 लाख रुपये

रुद्रपुर, अमृत विचार: साइबर अपराध का ग्राफ इतना बढ़ता जा रहा है कि इसकी चपेट में आम आदमी नहीं, बल्कि अधिकारी भी आने लगे हैं। ऐसे ही रुद्रपुर नगर निगम के मुख्य नगर आयुक्त का मोबाइल एक्सेस हैक कर खाते से लाखों की नगदी उड़ाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।


 नगर निगम रुद्रपुर के मुख्य नगर आयुक्त नरेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि 7 फरवरी को एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा अनाधिकृत तरीके से मोबाइल का एक्सेस हैक कर पहले आईसी आईसीआई खाते से 29 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया। फिर केनरा बैंक के खाते से सात फरवरी से लेकर 9 फरवरी तक 1.55 लाख का भुगतान कर लिया। जबकि मोबाइल पर किसी भी प्रकार का भुगतान मैसेज नहीं आया और मोबाइल का नेटवर्क भी बंद हो गया।


यहां तक कि मोबाइल पूर्णतया हैक हो चुका था। संदेह होने पर खातों की पड़ताल की तो पाया कि दो खातों से 1.84 लाख रुपये की ऑनलाइन साइबर ठगी हो चुकी है। एमएनए नरेश चंद्र दुर्गापाल ने आशंका जताई कि साइबर ठगों ने सिम क्रोम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर ऑनलाइन ठगी हो अंजाम दिया होगा। साइबर थाना पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है।

 
7 फरवरी को बंद हो गया था मोबाइल
रुद्रपुर। एमएनए नरेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि 8 फरवरी को मेयर एवं पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह था, लेकिन मोबाइल का एक्सेस 7 फरवरी को हैक हो गया था। कारण 7 फरवरी को मोबाइल का नेटवर्क गायब हो चुका था। व्यस्तता के कारण ध्यान नहीं दिया। यही कारण है कि खातों से 1.84 लाख रुपये 7 फरवरी से 9 फरवरी में हुए और 8 फरवरी की शाम को नेटवर्क आया।

 

तीन बैंक खातों में ट्रांसफर हुई रकम
रुद्रपुर। प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि 7 फरवरी से खातों से पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर होने लगा था। एमएनए के खातों से गायब हुई रकम महाराष्ट्र, बंधन एवं उत्कर्ष बैंक खातों में गई है। जिसको साइबर थाना पुलिस द्वारा फ्रिज कर दिया है। पड़ताल में यह भी पता चला है कि तीनों खातों में गई रकम अभी दूसरे खातों में जा सकती थी, लेकिन समय रहते फ्रिज कर दिया गया।

जानकारी-सावधानी ही है महज समाधान
रुद्रपुर। साइबर क्राइम प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि मुख्य नगर आयुक्त के खातों से निकाली गयी लाखों की रकम ई-सिम के माध्यम से निकाली गई है। यह एक प्रकार का सॉफ्टवेयर होता है। जिसका इस्तेमाल साइबर हैकर कर रहे हैं। अपने मोबाइल के एक्सेस की जानकारी व सावधानी ही साइबर ठगी को रोक सकता है। ठगी होने पर तत्काल साइबर पुलिस को सूचित करें। ताकि समय रहते खातों को फ्रीज किया जा सकें।