लखनऊ में शुरू हुआ पोस्टरवार, समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग के लिए तैयार किया 'कफन'

लखनऊ में शुरू हुआ पोस्टरवार, समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग के लिए तैयार किया 'कफन'

लखनऊ, अमृत विचारः लखनऊ में समाजवादी पार्टी का पोस्टर वार शुरू हो गया है। समाजवादी कार्यालय के बाहर नई पोस्टर बाजी से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है। महाकुंभ को लेकर समाजवादी पार्टी तीखे प्रहार कर रही है। इसे आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। जहां पहले पोस्टर में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग पर भाजपा को संरक्षण देने का दावा किया गया है।

पोस्टर में लिखा है- 'भाजपा को संरक्षण देने वाला चुनाव आयोग ये 'कफन' ओढ़ ले'। पोस्टर में 'जिलेवार कार्यक्रम चलें और चुनाव आयोग को कफन भेंट करें' जैसे संदेश भी लिखे गए हैं। वहीं बात अगर दूसरे पोस्टर की कि जाए तो उसमें अखिलेश यादव की महाकुंभ में गंगा स्नान करते हुए फोटो लगाई गई है। साथ ही उसमें 2027 और 2032 के चुनाव को लेकर बड़े दावे भी किए गए हैं।

क्या है दावा

समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर लगी होर्डिंग में अखिलेश यादव की महाकुंभ में स्नान करती हुई एक भव्य तस्वीर लगाई गई है। इसमें दावा किया जा रहा है कि 2027 और 2032 के चुनाव में प्रदेश में सपा सरकार बनाएगी। होर्डिंग में लिखा गया है कि- 27 में आएंगे अखिलेश, 32 में भव्य अर्धकुंभ करायेंगे विशेष।

भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए, हिंदुत्व को लेकर बढ़ती रणनीति राजनीतिक पर विश्लेषक का मानना है कि समाजवादी पार्टी अब हिंदू मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। महाकुंभ की तस्वीरों के साथ इस तरह की पोस्टरबाजी करना, समाजवादी पार्टी की बदली हुई रणनीति का संकेत माना जा रहा है।

इन नेताओं ने लगवाए पोस्टर

चुनाव आयोग पर निशाना साधने वाला पोस्टर सपा छात्र सभा के प्रदेश सचिव अब्दुल अज़ीम मंसूरी ने लगवाया। वहीं दूसरा पोस्टर प्रदेश प्रवक्ता सोमिल सिंह श्रीनेत ने लगवाया है।

मंत्री जयवीर सिंह का पलटवार

अखिलेश यादव द्वारा चुनाव आयोग पर दिए गए बयान पर प्रदेश सरकार में मंत्री जयवीर सिंह ने पलटवार दिया है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि जनता ने पूरी तरह से सपा को नकार दिया है। अब वे इसकी सफाई देने के लिए नए तर्क तैयार करें। वे सिर्फ हार का ठीकरा किसी न किसी पर फोड़ने के लिए एक नई कहानी गढ़ने में लगे हुए हैं।

मंत्री ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि इस स्थिति में अखिलेश यादव को जनता की सेवा पर ध्यान देना चाहिए। अपना रवैया को बदलना चाहिए और अहंकार से बाहर आना चाहिए। प्रदेश के विकास के लिए काम करना चाहिए।

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