पंजीकरण और जमा के खेल में पिस रहे उपभोक्ता, OTS योजना में हो रहा है खेल
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लखनऊ, अमृत विचार: उप्र पावर कारपोरेशन की एकमुश्त समाधान योजना अब उपभोक्ताओं के गले की फांस बनता जा रहा है। शहर के कई उपकेंद्रों पर जहां उपभोक्ता ओटीएस योजना मे अपने बकाये बिल की अदायगी के लिए पंजीकरण करा रहे है, वहीं बिजली विभाग के कर्मचारी उनके बकाये की अदायगी पर पानी फेरने में जुटे हैं। दरअसल पंजीकरण के बाद उपभोक्ता जब बकाया धनराशि जमा करने पहुंचता है तो सरचार्ज से लेकर लोड बढ़ने और शमन शुल्क में खेल कर बिल की धनराशि को दोगुना बताया जाता है। इससे परेशान उपभोक्ता जब आला अधिकारियों से गुहार लगाते हैं, तो उन्हें विभाग के बाबूओं के पेंच मे फंसने को वापस भेज दिया जाता है। बाबू उपभोक्ताओं को कैश काउंटर मे बिल जमा करने की हिदायत देकर आगे भेज देता है। इस सब के चलते उपकेंद्रों पर कई बार बिजली कर्मचारी और उपभोक्ताओं की बीच बहस भी हुई।
कैश काउंटर पर पता चला कि बिल की धनराशि अधिक है...
बीकेटी के जीवीआरए उपक्रेंद पर बिल जमा करने आए लतीफ ने बताया कि मेरा मेरी पत्नी रेहाना के नाम से बिजली कनेक्शन है, जिसमें एक लाख से अधिक का बिल बकाया चल रहा था। ओटीएस योजना मे आवेदन किया। विभाग के अधिकारियों ने मीटर चेक करने के बाद 35 हजार के करीब का बिल बनाया। मैने 10 हजार देकर योजना में रजिस्ट्रेशन कराया। आज जब मैं पूरे बिल की अदायगी के लिए उपकेंद्र के कैश काउंटर पर पहुंचा, तो पता चला कि मेरा बिल 43 हजार रुपए का है।
जानकारी करने पर कर्मचारियों ने लोड अधिक और शमन शुल्क जोड़ने की बात बताकर बिल को ज्यादा जमा करने के लिए कहा। जबकि ऑनलाइन में बिल कुछ और दिखा रहा है। ये बात समझ से परे है कि अधिकारी और कर्मचारी पंजीकरण के समय ही सारे खर्च को क्यों नहीं बताते है। ऐसा ही मामला सरोजनीनगर के अनिल गौड़ का है जिन पर 90 हजार का बकाया है। योजना में पंजीकरण कराकर बिल का समायोजन कराने पर 55 हजार रुपये की धनराशि को जमा करने के लिए कहा गया। कैश काउंटर पर पता चला कि अब उनका बिल 66 हजार रुपए हो गया है। कर्मचारियों ने बताया कि आपके बिल मे मीटर चार्ज नही जुड़ा है। छूट के लिए आपको अलग से मिलना पड़ेगा। समझ मे नही आ रहा कि योजना मे छूट के नाम पर ये हो क्या रहा है। चिनहट, गोमतीनगर जानकीपुरम सहित शहर के चौक, नादरगंज, तेलीबाग, अमीनाबाद, मौलवीगंज, तेलीबाग, चौपटिया, मोहनलालगंज, फैजुल्लागंज उपकेंद्र पर आए उपभोक्ताओं ने भी यह समस्या बताई।
पंजीकरण के समय उपभोक्ता को पूरी जानकारी देना चाहिए। इसके लिए आवश्यक निर्देश भी जारी किये गये है। यदि कोई कर्मचारी किसी उपभोक्ता के बिल में गड़बड़ी करेगा, तो शिकायत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
आशीष अस्थाना, मुख्य अभियंता ट्रांसगोमती
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