इस अस्पताल में मरने के बाद भी मिलता है इलाज...ट्रॉमा सेंटर से बिचौलिए ने बेहतर इलाज का दिया था झांसा 

इस अस्पताल में मरने के बाद भी मिलता है इलाज...ट्रॉमा सेंटर से बिचौलिए ने बेहतर इलाज का दिया था झांसा 

लखनऊ, अमृत विचार: चौक स्थित यूनाइटेड हॉस्पिटल में भर्ती सेवानिवृत शिक्षक की मौत के बाद वसूली के लिए वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखने का आरोप लगा है। परिजनों ने इलाज में लापरवाही से मौत होने और वसूली के लिए वेंटिलेटर सपोर्ट देने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। परिजनों ने इसका एक वीडियो बनाकर वायरल किया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझाकर शांत कराया। परिजन बिचौलिए के झांसे में आकर मरीज को ट्रॉमा सेंटर से लाकर शिफ्ट कराया था।

मोहनलागंज के रहने वाले नरेश गुप्ता (74) सेवानिवृत शिक्षक थे। बेटे गोविंद ने बताया कि 26 दिसंबर को मोहनलालगंज के सिग्मा ट्रॉमा सेंटर में कूल्हे की सर्जरी के लिए भर्ती कराया था। यहां आयुष्मान कार्ड के जरिए सर्जरी हुई। सर्जरी बाद डिस्चार्ज करके जब घर ले गए तो कुछ दिनों बाद से उन्हें परेशानी होने लगी। पहले सांस फूलने की समस्या हुई पर बाद में टांके भी पक गए। इस बीच दर्द भी बढ़ गया। इसके बाद उन्हें आशियाना के क्रिटीकेयर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां इलाज के दौरान करीब ढाई लाख का खर्चा आया। बावजूद इसके सेहत में सुधार नहीं हुआ।

डॉक्टरों ने गुरुवार को हायर सेंटर केजीएमयू या लोहिया संस्थान ले जाने को कहा। आरोप है केजीएमयू ट्रॉमा में बेड खाली न होने पर बिचौलिए ने बेहतर इलाज का झांसा देकर ट्रॉमा के नजदीक स्थित यूनाइटेड हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। बेटे गोविंद का आरोप है अस्पताल संचालक भूपेंद्र से मिलकर बात भी की थी। संचालक ने आश्वासन दिया था कि बेहतर इलाज मिलेगा। तीन दिन के अंदर स्वस्थ करके मरीज को घर भेज देंगे। बेटे का आरोप है अस्पताल में कुशल डॉक्टर तक नहीं थे। मौत बाद उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया।

फोन पर डॉक्टर से बात करके होता था इलाज

मृतक के बेटे गोविंद ने बताया कि मरीज के भर्ती बाद से मौके पर मरीज को देखने के लिए कोई भी कुशल डॉक्टर नहीं था। अस्पताल स्टॉफ डॉक्टर से बात करके मरीज का इलाज कर रहे थे। इस बीच मरीज की हालत तेजी से बिगड़ती गई। बावजूद इसके कोई डॉक्टर नहीं आया। जब परिजनों ने इसको लेकर आपत्ति जताई तब बड़ी मुश्किल से ऑनकॉल डॉक्टर को बुलाया गया।

मरीज का दो बार ऑपरेशन हो चुका था। इलाज में किसी तरह की लापरवाही नहीं हुई है। मौत बाद मरीज को वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखने के परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं। परिजनों ने महज पंद्रह हजार रुपए बिल दिया है।
-भूपेंद्र सिंह, यूनाइटेड हॉस्पिटल संचालक

इस मामले में अभी शिकायत नहीं मिली है। यदि परिजन शिकायत करते हैं तो जांच कराई जाएगी। लापरवाही मिलने पर अस्पताल के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
- डॉ. एपी सिंह, नोडल अफसर, निजी अस्पताल