चौबारी मेला स्थल पर पहले भारी खतरा बताया, फिर दे दी सबकुछ सुरक्षित होने की रिपोर्ट
बरेली, अमृत विचार : रामगंगा के चौबारी घाट पर आयोजित मेले में झूलों, खेल-तमाशों, दुकानों और सर्कस को अनुमति देने के मामले अग्निशमन विभाग 24 घंटों में ही इतनी जबर्दस्त पलटी मार गया कि प्रशासन के अफसर भी हैरत में पड़ गए। पहली रिपोर्ट में मेला स्थल पर भारी खतरों के जिक्र के साथ कोई दुर्घटना होने पर कई लोगों की जान चली जाने की आशंका जताते हुए अनुमति न देने की सिफारिश की गई तो दूसरी रिपोर्ट में सबकुछ सुरक्षित बताते हुए कुछ शर्तों के साथ अनुमति देने की संस्तुति कर दी गई।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) ने बुधवार को एडीएम प्रशासन (चौबारी मेले के प्रभारी) को अपनी पहली निरीक्षण रिपोर्ट भेजी थी। इसमें उन्होंने बिजली की लाइनों के नीचे अलग-अलग तरह की अस्थाई दुकानें लगाने का जिक्र करते हुए अग्निकांड और करंट से लोगों की मौत होने का गंभीर खतरा जताया था और इन दुकानों को बिजली की लाइनों से दूर हटाने की प्रबल संस्तुति की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्थाई दुकानों का निर्माण ज्वलनशील पदार्थों और पॉलिथीन आदि से किया गया है। इनमें कभी भी आग लग सकती है।
पहली रिपोर्ट : ऊपर बिजली की लाइन, नीचे भट्टी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि मिश्रित तरह की दुकानों के बीच खान-पान की दुकानें भी हैं जिनमें गैस भट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। इन्हीं के बराबर में खेल-खिलौने, कपड़े और घरेलू सामान की दुकानें हैं। इस कारण मेलास्थल पर आग लगने का जोखिम कई गुना बढ़ गया है। यह भी कहा गया था कि मेले में लगाए गए झूलों और खेल-तमाशों में काफी घटिया स्तर के बिजली तारों का इस्तेमाल हुआ है।
इनकी वजह से भी अग्नि दुर्घटना होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। निरीक्षण में यहां अग्नि सुरक्षा यंत्र, अग्निशामक यंत्र, सूखे बालू और पानी की कोई व्यवस्था न होने का जिक्र करते हुए झूलाें और सर्कस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा गया था। इस रिपोर्ट की कॉपी डीएम, एसएसपी और एसडीएम को भी भेजी गई थी।
दूसरी रिपोर्ट : मेला स्थल पर हाईटेंशन लाइन नहीं
बृहस्पतिवार को मुख्य अग्निशमन अधिकारी की ओर से जो दूसरी रिपोर्ट एसडीएम सदर को भेजी गई, उसे देखकर अधिकारी भी चक्कर में पड़ गए। यह रिपोर्ट पहली रिपोर्ट से पूरी उलट थी। इसमें कहा गया है कि चंदौसी से रिजवान ने 11 से 19 नवंबर तक चौबारी मेले में खेल-तमाशे, सर्कस और छोटे-बड़े झूले लगाने की अनुमति मांगी थी।
इस पर उनसे प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया था। उन्होंने सिविल लाइंस के अग्निशमन अधिकारी से परीक्षण कराया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार चौबारी मेला स्थल के ऊपर कोई हाईटेंशन बिजली की लाइन नहीं गुजर रही है। मेला स्थल पर अग्निशमन वाहन भी आसानी से आ-जा सकते हैं। उन्होंने इस रिपोर्ट में 11 शर्तों के साथ खेल-तमाशों, सर्कस और छोटे-बड़े झूलों को लगाने की संस्तुति कर दी।
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