CBI ने रेलवे इंजीनियर को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार, ट्रैक जांच मशीन भी जब्त

लोडिंग अन लोडिंग के नाम पर ठेकेदार से ली जा रही थी रिश्वत 

CBI ने रेलवे इंजीनियर को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ किया गिरफ्तार, ट्रैक जांच मशीन भी जब्त

गोंडा, अमृत विचार। सीबीआई की एंटी करप्शन विंग ने बुधवार को पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा रेलवे स्टेशन के ट्रैक शेड में छापा मारा। इस छापेमारी में सीबीआई की टीम ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर (रेल पथ) को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इंजीनियर को पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम लखनऊ ले गई है। सीबीआई की छापेमारी से रेलवे स्टेशन परिसर में हड़कंप मचा रहा। हालांकि इस मामले पर रेलवे के अलग अधिकारी बोलने से कतराते रहे। 

बताया जा रहा है कि सीबीआई की लखनऊ यूनिट ‌को सूचना मिली थी कि गोंडा रेलवे स्टेशन के ट्रैक शेड में घोटाले की सूचना मिली थी। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई की टीम ने बुधवार को ट्रैक शेड में छापेमारी की। दोपहर करीब 12 बजे सीबीआई की टीम स्टेशन परिसर के निकट उपमंडलीय रेलवे अस्पताल के पास पहुंची। थोड़ी दूर पर स्थित इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के ट्रैक डिपो में सीबीआई टीम ने पहुंचकर जाल बिछाया। सीबीआई ने ट्रैक शेड में तैनात सीनियर सेक्शन इंजीनियर (रेल पथ) अरुण कुमार मिश्रा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

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सामानों की लोडिंग और अनलोडिंग के नाम पर एक ठेकेदार से रिश्वत ली जा रही थी। सीबीआई ने करीब एक घंटे तक ट्रैक शेड में छानबीन की और अभिलेखों को खंगाला। टीम ने ट्रैक जांच मशीन को भी जब्त किया है।पकड़े गए सेक्शन इंजीनियर को पूछताछ के लिए सीबीआई टीम लखनऊ ले गयी है। 

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गोंडा रेलवे स्टेशन परिसर में स्थित सीनियर सेक्शन इंजीनियर का कार्यालय 

सीबीआई की इस अप्रत्याशित कार्रवाई के चलते गोंडा रेलवे प्रशासन में हड़कंप मचा रहा। सीबीआई टीम के जाने के बाद आरपीएफ के पोस्ट कमांडरनरेंद्र पाल ने ट्रैक शेड में पहुंचकर पूरे मामले की जांच की और वहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया की आरपीएफ को सीबीआई की इस छापेमारी की कोई सूचना नहीं थी।

रेलवे के सूत्रों की माने तो रेलवे ट्रैक शेड में कथित भ्रष्टाचार की एक गोपनीय शिकायत सीबीआई की एंटी करप्शन विंग को मिली थी। इसी सूचना के आधार पर लखनऊ सीबीआई की यूनिट ने यह छापेमारी की। शिकायत के चलते सीबीआई ने गोपनीय तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया। वहीं इस संबंध में जब रेलवे के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो वह इस मामले पर बोलने से बचते दिखाई दिए।

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