"हम एक और गोल कर सकते थे...." वियतनाम से मैच ड्रॉ होने के बाद फारूख चौधरी ने कहा

नई दिल्ली, अमृत विचारः भारत ने शनिवार को वियतनाम के खिलाफ रोमांच से भरे अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल मैच में वियतनाम को बराबरी की टक्कर दी। लेकिन लाख कोशिश के बाद भी मैच 1-1 से ड्रा हो गया। जिसकी वजह से टीम के मुख्य कोच मनोलो मार्केज़ का पहली जीत का इंतजार बढ़ गया। वियतनाम के थिएन ट्रूंग स्टेडियम में 38वें मिनट में गुयेन होआंग डुक के गोल ने मैच में बढ़त बनाई। वहीं भारत की तरफ से फारुख चौधरी ने मैच के सेकेंड हाफ में 53वें मिनट में गोल कर मैच बराबरी का कर दिया। मार्केज के मेन कोच बनने के बाद भारत ने अभी तक तीन मैच खेले हैं। उनमें से दो मैच ड्रॉ रहे और एक मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा। भारत ने पिछले महीने हैदराबाद में इंटरकांटिनेंटल कप में मॉरीशस के खिलाफ मैच खेला जो की ड्रॉ रहा, लेकिन वह सीरिया से 0-3 से हार गया था।

लगभग तीन साल के बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले मिडफील्डर फारूख चौधरी का मानना है कि वियतनाम के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल मैत्री मैच में एक और गोल करके उनकी टीम जीत हासिल कर सकती थी। भारत और वियतनाम के बीच शनिवार को खेला गया यह मैच 1-1 से ड्रॉ रहा था। भारत के मुख्य कोच मनोलो मार्केज़ ने जब फारूख का टीम में चयन किया तो उनके इस फैसले पर सवाल उठने लगे थे। इस मिडफील्डर ने हालांकि दूसरे हाफ में भारत की तरफ से बराबरी का गोल करके अपने कोच के फैसले को सही साबित किया। 

फारूख ने मैच के बाद कहा कि व्यक्तिगत रूप से मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं लंबे समय से राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं रहा। यह वह जगह है जिसमें मैं बने रहना चाहता था। मैंने अपने क्लब में कड़ी मेहनत की और मैं जानता था कि मैं राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का हकदार हूं। फारूख ने इससे पहले भारत की तरफ से अपना अंतिम मैच अक्टूबर 2021 में माले में नेपाल के खिलाफ खेला था। इसके बाद घुटने की चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं टीम के लिए मैच में अंतर पैदा कर पाया, लेकिन मुझे लगता है कि हम एक और गोल कर सकते थे। भारत ने मार्केज़ के मुख्य कोच बनने के बाद अभी तक कोई मैच नहीं जीता है लेकिन वह टीम के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं। मार्केज ने कहा वियतनाम ने पहले हाफ में अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद मध्यांतर के समय हमने अपने खेल पर चर्चा की और इसके बाद हम अपनी रणनीति के अनुसार खेलने में सफल रहे। हमें गोल करने का मौका भी मिला लेकिन हम उसे नहीं भुना पाए। कुल मिलाकर मैं टीम के प्रदर्शन से संतुष्ट हूं।

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