Budget 2024: आम आदमी को राहत देने की कोशिश, जानिए क्या हुआ आपके लिए सस्ता?
सोना, चांदी, आयातित मोबाइल, कैंसर की दवाएं होंगी सस्ती, बड़ी छतरियां, सौर ग्लास होंगे महंगे
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया जिसमें सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा के बाद सोना, चांदी तथा अन्य कीमती धातुओं के साथ-साथ आयातित मोबाइल फोन, कुछ कैंसर की दवाएं और चिकित्सकीय उपकरण भी सस्ते होने की उम्मीद है। हालांकि, आयातित बड़ी छतरियां तथा प्रयोगशाला रसायन जैसी कुछ वस्तुएं भी मूल सीमा शुल्क में वृद्धि के कारण महंगी हो जाएंगी। सस्ती और महंगी होने वाली वस्तुओं की सूची इस प्रकार है-
क्या होगा सस्ता
-सोने की छड़ें व ‘डोर’
-चांदी की छड़ें व ‘डोर’
-प्लैटिनम, पैलेडियम, ऑस्मियम, रूथेनियम और इरिडियम कीमती धातुओं के सिक्के -आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण के निर्माण में उपयोग के लिए सभी प्रकार के पॉलीइथिलीन -चिकित्सकीय, शल्य चिकित्सकीय, दंत चिकित्सा या पशु चिकित्सा उपयोग के लिए एक्स-रे मशीनों के विनिर्माण में उपयोग के लिए एक्स-रे ट्यूब -चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, दंत चिकित्सा या पशु चिकित्सा उपयोग के लिए एक्स-रे मशीनों के विनिर्माण में उपयोग के लिए फ्लैट पैनल डिटेक्टर (सिंटिलेटर सहित) -आयातित सेल्युलर मोबाइल फोन, चार्जर/एडाप्टर। -सेल्युलर मोबाइल फोन की प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) -सौर सेल या सौर मॉड्यूल के विनिर्माण में उपयोग के लिए निर्दिष्ट पूंजीगत सामान, ऐसे पूंजीगत सामान के विनिर्माण के कलपुर्जे -शिया नट
-जलीय आहार के निर्माण में उपयोग के लिए मछली लिपिड तेल - प्राकृतिक ग्रेफाइट
-सभी प्रकार की प्राकृतिक रेत, क्वार्ट्ज ,महत्वपूर्ण खनिज, लिथियम कार्बोनेट, लिथियम ऑक्साइड और हाइड्रॉक्साइड, पोटैशियम के नाइट्रेट -इस्पात क्षेत्र में फेरो निकेल तथा ब्लिस्टर कॉपर - कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र में ‘स्पैन्डेक्स यार्न’ के निर्माण में उपयोग होने वालो मेथिलीन डाइफेनिल डाइ-आइसोसाइनेट (एमडीआई)
क्या होगा महंगा
- पॉली विनाइल क्लोराइड (पीवीसी) फ्लेक्स फिल्में (जिन्हें पीवीसी फ्लेक्स बैनर या पीवीसी फ्लेक्स शीट भी कहा जाता है) -बड़ी छतरियां
-प्रयोगशाला रसायन
-सौर सेल या सौर मॉड्यूल के निर्माण के लिए सौर ग्लास सौर सेल या सौर मॉड्यूल के निर्माण के लिए टिनयुक्त तांबा इंटरकनेक्ट
यहां पढ़ें बजट की मुख्य बातें
* नयी कर व्यवस्था में मानक कटौती 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये की गई।
* पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई।
* नयी कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव: तीन-सात लाख रुपये के बीच आय पर पांच प्रतिशत, सात-10 लाख रुपये के लिए 10 प्रतिशत, 10-12 लाख रुपये के लिए 15 प्रतिशत।
* नयी कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी आयकर में 17,500 रुपये तक की बचत कर पाएंगे।
* कैंसर की तीन दवाओं - ट्रैस्टुजुमैबडेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब - को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी गई।
* मोबाइल फोन, मोबाइल सर्किट बोर्ड असेंबली और मोबाइल चार्जर पर सीमा शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
* सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर छह प्रतिशत और प्लैटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया।
* प्रतिभूतियों के वायदा एवं विकल्प सौदों पर लगने वाले प्रतिभूति लेनदेन कर को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत किया गया।
* शेयरों की पुनर्खरीद पर होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा।
* स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सभी वर्ग के निवेशकों के लिए एंजल कर समाप्त कर दिया गया।
* विदेशी कंपनियों पर कॉरपोरेट कर की दर 40 से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
* अपील में लंबित आयकर विवादों के समाधान के लिए 'विवाद से विश्वास' योजना, 2024 लाई जाएगी।
* कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा बढ़ाकर क्रमश: 60 लाख रुपये, दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव।
* कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक लाभ पर 20 प्रतिशत कर।
* सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक लाभ पर 12.5 प्रतिशत कर।
* सूचीबद्ध शेयरों से हुए 1.25 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ को कर छूट दी गई।
* ई-कॉमर्स कंपनियों पर टीडीएस की दर एक से घटाकर 0.1 प्रतिशत की गई।
* विवरण दाखिल करने की नियत तिथि तक टीडीएस के भुगतान में देरी को अपराध की श्रेणी से मुक्त किया गया।
* आयकर आकलन को तीन साल से पांच साल तक दोबारा खोला जा सकता है। हालांकि यह उसी समय होगा जब बची हुई आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक हो।
* सरकार आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा छह महीने में पूरी करेगी।
* जीएसटी को सरल और युक्तिसंगत बनाया जाएगा ताकि बाकी क्षेत्रों तक इसका विस्तार किया जा सके।
* राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान, अगले साल 4.5 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान।
* बजट में विनिर्माण एवं सेवाओं सहित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों और विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगली पीढ़ी के सुधारों की रूपरेखा दी गई।
* बजट में रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई, मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
* कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित।
* वित्त वर्ष 2024-25 का पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये निर्धारित।
* बिहार में कुछ सिंचाई और बाढ़ रोकथाम परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता।
* बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को 15,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता।
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