Kanpur: गृहकर बिलों में GIS की गड़बड़ी में होगा सुधार, कारोबारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक लगाई थी गुहार

Kanpur: गृहकर बिलों में GIS की गड़बड़ी में होगा सुधार, कारोबारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक लगाई थी गुहार

कानपुर, अमृत विचार। जीआईएस सर्वे की वजह से उद्यमियों और व्यापारियों को भेजे जा रहे गलत व्यवसायिक गृहकर बिलों की दोबारा जांच होगी। इस मामले में व्यापारियों की प्रधानमंत्री से शिकायत और नगर निगम में शिकायतों का अंबार लगने के बाद गलत बिलों की दोबारा जांच कराने का फैसला हुआ है। 

महापौर ने जोनल अधिकारियों और कर अधीक्षकों को बिलों की जांच करके गलत मिलने वाले बिल संशोधित करने के निर्देश दिए हैं। उद्यमियों ने पिछले माह प्रधानमंत्री से गलत व्यवसायिक गृहकर बिल भेजे जाने की ऑनलाइन शिकायत की थी। 

जीआईएस ‘भौगोलिक सूचना प्रणाली’ के बाद शहर के उद्यमियों के पास पहुंचे गृहकर के बिलों को लेकर पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है। उद्यमियों का कहना है कि जीआईएस सर्वे कब और किसने किया इसकी सूचना उन्हें अब तक नहीं है। सर्वे के बाद उन लोगों के पास लाखों रुपये बढ़ाकर बिल भेजे गए हैं, जिससे वे लोग परेशान है। 

ऐसे उद्यमी जिनका गृहकर पूरा जमा था उनके यहां भी एरियर जोड़कर बिल भेजे जा रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि नगर निगम में शिकायत किए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं होने पर मई माह में प्रधानमंत्री से लिखित शिकायत की गई थी। नगर निगम में शिकायत दर्ज कराने वालों में एमएसएमई सेक्टर से जुड़े कारोबारी अधिक हैं। 

अब गृहकर समीक्षा बैठक में महापौर ने अधिकारियों से व्यवसायिक बिलों की जांच कर उन्हें दुरुस्त किए जाने का आदेश दिया है। महापौर के इस कदम का उद्यमियों ने स्वागत किया है। 

उद्योग बंधु बैठक में भी उठा था मुद्दा

उद्यमियों ने हाल ही में मंडलीय उद्योग बंघु की बैठक में भी गलत गृहकर बिल भेजे जाने का मुद्दा उठाया था। उद्यमियों ने कहा था कि शहर में कई यूनिट ऐसी हैं, जिन पर लाखों रुपये का बकाया बिल जारी कर दिया गया है। कमिश्नर ने उद्यमियों की समस्या के निराकरण के लिए बिलों की जांच कराने का आश्वासन दिया था।

जीआईएस के बाद उद्यमी गड़बड़ बिलों से काफी परेशान हैं। इसी कारण प्रधानमंत्री कार्यालय तक समस्या पहुंचाई गई थी। बड़ी संख्या में एमएसएमई सेक्टर से जुड़े कारोबारी गलत बिलों की समस्या का सामना कर रहे हैं। इसका जल्द समाधान होना चाहिए। - सुशील शर्मा, चेयरमैन इंडस्ट्री कमेटी, मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश ।

हम लोग शहर के लिए राजस्व बढ़ाते हैं। उम्मीद है कि उद्यमियों के पास आए बिलों की त्रुटि जल्द दूर हो सकेगी। यह उद्यमियों के लिए बड़ी समस्या है। इस समस्या का समाधान नगर निगम की ओर से प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। - मनोज कटारिया, चेयरमैन इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी, मर्चेंट चेंबर ऑफ उत्तर प्रदेश।

जीआईएस सर्वे में निजी कंपनी ने जो गड़बड़ी की है उसकी जांच के आदेश जोनल अधिकारियों और कर अधीक्षकों को दिये हैं। आवासीय और व्यवसायिक गृहकर में जो लोग लिखित शिकायत दे रहे हैं उनके कर निर्धारण की जांच की जा रही है। व्यवसायिक गृहकर में आपत्तियों को देखते हुए कहा गया है कि पुन: जांच कर गड़बड़ियों को ठीक किया जाए। - प्रमिला पांडेय, महापौर

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